सहसवान:बदायूँ नगर से लेकर गाँव गाँव भर में झोला छाप डाक्टरों की भरमार है। जो भोले लोगो के स्वास्थ्य से सरे आम खिलवाड़ कर रहे है। केस बिगडऩे पर उन्हें अपने चहेते डाक्टर के पास मरीज को रेफर कर देते हैं। जहां से की एवज में भारी कमिशन प्राप्त करते है। यही हाल मेडिकल स्टोर का है। ये लोग फार्मासिस्ट से उनका लाइसेंस किराये पर लेकर स्टोर चला रहे है। साथ में ये तथा कथित स्टोर संचालक प्रैक्टिस करने से भी बाज नही आते। इन दुकानों पर मेडिकल स्टोर पर नशे का व्यापार भी धड़ल्ले से होता है। इन मेडिकल स्टोर पर टीडी जेसिक जैसे नशेड़ी बनाने वाले खतरनाक इंजेक्शन आसानी से मिल जाते हैं। नशे की दवा बडी आसानी से मिल जाती हैं। बस जेब थोड़ी भारी होनी चाहिए कारैक्स कफ सीरप मिलना भी सुलभ है। विडंबना यह है। कि जब विभागीय अधिकारी छापामार कारवाई अमल में लाते हैं। तो इससे पूर्व ही इन दुकानदारों को सूचना मिल जाती है। जिसे अपनी दुकानों को ताले जड़ कर फरार हो जाते हैं। सूत्र बताते हैं। कि प्रतिमाह उच्चधिकारियों को मासिक सुविधा शुल्क अदा की जाती है। इसी लिए सूचना पहले ही पहुंच जाती है। बता दे कुछ झोलाछाप डॉक्टर तो अपने क्लीनिक इस तरह खोल कर बैठे हैं। जैसे कि सारी डिग्री उनके पास ही क्यों ना हो।