हाईकोर्ट से दोषी सीएमओ पर विभाग की कोई कार्यवाही नही , कोर्ट व राज्यपाल की आज्ञा देने पर भी पद से नही हटे भ्रष्ट सीएमओ ।

बदायूँ के भ्रष्ट सीएमओ अब पद पर रहकर अपनी शक्ति का प्रयोग करते हुए कर्मचारियों को हटाने के मामले में फंस गए हैं हाईकोर्ट ने सीएमओ को दोषी घोषित किया है इसके बाद सीएमओ की जांच बरेली मंडल अपर निदेशक को सौंप दी है। और कोर्ट से दोषी सीएमओ पर कार्यवाही की आज्ञा स्वयं राज्यपाल ने दी । लेकिन विभाग में साठ- गाठ करके सीएमओ यशपाल सिंह अपने पद न तो हटाए गए है और न ही कोई प्रशासनिक कार्यवाही हुई है ।

  • कोर्ट के आदेश के साथ राज्यपाल का आदेश भी नही मानते स्वास्थ्य विभाग के आलाधिकारी * अपर निदेशक परिवार कल्याण बरेली मंडल बरेली को अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद ने आदेश जारी किया है 25 मार्च को जारी आदेश में सीएमओ डॉ यशपाल सिंह की जांच हाईकोर्ट के आदेश के बाद सौंपी है ! आदेश के वावजूद जांच शुरू तक नही की गई है । कोर्ट ने कहा सभी दस्तावेज सही तो गलत भर्ती कैसे:-

स्वास्थ्य विभाग ने वर्ष 2016 17 में अवनी परिधि आउटसोर्सिंग संस्था के कर्मचारियों को भर्ती करने के लिए टेंडर निकाला गया था।उस समय संस्था और विभाग ने जो शर्त लागू की थी उसको पूरा करते हुए आवेदन किया गया और फिर भर्ती हुई।2 वर्षों तक काम किया और वेतन भी निकला लेकिन जब सीएमओ डॉक्टर यशपाल सिंह आए तो उन्होंने उनको अतिरिक्त तथा गलत भर्ती ठहरा दिया उन्होंने ना तो कर्मचारियों का वेतन निकाला और 60 कर्मचारियों को गलत भर्ती करार देते हुए हटा दिया। उन्हें हटाने का अधिकार संस्था का था ना कि सीएमओ का।

राज्यपाल ने सीएमओ पर कार्यवाही की आज्ञा दी है

बदायूं के सीएमओ ने भ्रष्टाचार और पद का गलत इस्तेमाल करने की हद ही पार कर दी है। शासन व प्रशासन के पास घोटाला के दर्जनों मामले हुए और अब मामला कोर्ट में पहुंच गया।हाईकोर्ट ने जब दोषी घोषित किया जिसके बाद प्रदेश के राज्यपाल ने कार्यवाही करने का आदेश एवं अनुमति दी है” ।

भ्रष्ट सीएमओ पर कोई कार्यवाही नही

इतना सब कुछ होने के बाद सीएमओ बदायूँ को न तो पद से हटाया गया है , और न ही कोई प्रशासनिक कार्यवाही की गई है । कई और भ्रष्टाचार मामले में फस चुके है सीएमओ यशपाल सिंह , विभाग में अपनी साठ गाठ करके मामले को दबाने की कोशिश की जा रही है । इधर बरेली अपर निदेशक का कहना है ,कि मेरी पास कोई सूचना नही है । लेकिन अपर मुख्य सचिव का 25 तारीख का जारी पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। और कोर्ट के साथ साथ राज्यपाल द्वारा दी गई आज्ञा के आदेश की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है ।

बदायूँ सांसद संघ मित्रा मौर्य भी इस मामले में मुख्यमंत्री को लेटर लिखकर कर मुख्य चिकित्सा अधिकारी पर कार्यवाही की मांग कर चुकी हैं