बदायूँ।जिला महिला अस्पताल से आशा कार्यकर्ताओ द्वारा निजी अस्पतालों में प्रतिदिन मरीजों को ले जाने का सिलसिला जारी है। निजी अस्पताल वाले सामान्य प्रसव की जगह ऑपरेशन से डिलीवरी में मरीजों से मोटी रकम वसूलते हैं। निजी नर्सिंग होम और आशा के बीच सांठगांठ में आशा कार्यकर्ताओं को मोटा कमीशन मिलता है।जिसकी वजह से सरकारी अस्पताल में प्रसव न करा कर निजी अस्पताल में प्रसव कराती हैं।जनपद की सभी आशाओं को निजी अस्पताल संचालकों ने अपने जाल में फंसा रखा है। प्रसूताओं को आशा बहकाती है और कहती है। सरकारी अस्पताल के चक्कर में मत पड़ो वहां मरीजों की देख भाल सही से नहीं होती है। प्राइवेट अस्पताल में देखभाल सही होती है। और आशा अपनी बातों में फंसा कर मरीज को निजी अस्पताल ले जाती है फिर वहां सामान्य प्रसव की जगह ऑपरेशन के लिए कहा जाता है। तुम्हारे बच्चों के खतरा है ऑपरेशन करना जरूरी है। प्रसूता के परिवारजन घबरा जाते हैं और कहते हैं जैसा भी हो करो हम पैसा खर्च कर देंगे फिर तो प्रसूता के परिवार वालों से मोटी रकम ले ली जाती है। जिससे प्रसूताओं को सरकारी कोई लाभ नहीं मिला पाता है।
उसावां ब्लाक क्षेत्र के गांव टिकरा बछेली की आशा लक्ष्मी शुक्रवार की रात की एक प्रसूता को जिला महिला अस्पताल लेकर लेबर रूम पहुंची वहां स्टॉफ ने देखकर कहा कि पहला बच्चा ऑपरेशन से हुआ है। दूसरा बच्चा भी ऑपरेशन से होगा। तभी आशा ने प्रसूता के परिजनों से कहा कि हमारा एक नर्सिंग होम जानने वाला है। इसे वहां ले चलो फिर वह आशा राहेला नर्सिंग ई रिक्शा में बैठकर पहुंच गई और राहेला नर्सिंग होम में ऑपरेशन से डिलीवरी करा दी।
इस संबंध सीएमओ डॉ प्रदीप वार्ष्णेय ने कहा कि अगर कोई आशा का नाम सामने आता है तो कार्रवाई की जाएगी।