नाथ नगरी में अवतरित हो रहा शिवलोक, दोनों छोर पर स्थापित ओम सकारात्मक ऊर्जा का बढ़ाएंगे प्रवाह…..

लखनऊ दिल्ली हाईवे पर बरेली के दोनों छोर पर होगा ओम का प्रणब

मुख्यमंत्री के निर्देश पर नाथ नगरी का सांस्कृतिक पुनरुद्धार शुरू….

नाथ सर्किट का लेआउट डिजाइन फाइनल, अंतिम चरण में पहुंची डीपीआर….


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में छह साल में प्रदेश सांस्कृतिक पुनरुद्धार की दिशा में निरंतर अग्रसर है। सांस्कृतिक शहर बरेली शिवलोक में अवतरित हो रहा है। इसके कण-कण में महादेव का आभास होने लगा है। चौराहों, तिराहों और हाईवे पर शिव शंभू की गाथाएं होंगी। कण कण में शंकर की उपस्थिति व्याप्त होगी। आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने और युवा पीढ़ी को सनातन संस्कृति से परिचय कराने के लिए बरेली में नाथ सर्किट तैयार हो रहा है। वैज्ञानिक पुनर्जागरण और सांस्कृतिक पुनरुद्धार किसी भी सभ्यता को विकसित करने के लिए आवश्यक है। कमिश्नर सौम्या अग्रवाल, बरेली विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष जोगिंदर सिंह के दिशा निर्देश पर आर्किटेक्ट सुमित अग्रवाल नाथ नगरी कारिडोर का लेआउट और डिजाइन इसी अवधारणा से तैयार कर रहे हैं ।बरेली लखनऊ हाईवे पर इनवर्टिस के पास और झुमका तिराहे पर ओम का प्रणब स्थापित किया जाएगा। ओम, एक पवित्र ध्वनि का प्रतीक है ।हिंदू धर्म के अनुसार, प्रणव को ब्रह्मा, विष्णु और शिव की संयुक्त शक्ति कहा जाता है।इसकी बरेली के द्वार पर स्थापना से नाथ नगरी में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होगा। इसकी तैयारी शुरू हो गई है। सभी नाथ मंदिर का लेआउट डिजाइन फाइनल किया जा रहा है और डीपीआर अंतिम चरण में है।

32.50 किलोमीटर की होगी नाथ मंदिरों की परिक्रमा

नाथनगरी कारिडोर में पशुपतिनाथ, तपेश्वर नाथ, मणिनाथ, त्रिवटी नाथ, धोपेश्वर नाथ, बनखंडी नाथ और अलखनाथ मंदिर को मिलाकर 32.50 किलोमीटर का परिक्रमा सर्किट तैयार किया गया है। मंदिर को जाने वाले रास्ते पर कार और पाथवे रहेगा। इसके अलावा मंदिरों में भव्य द्वार बनाए जाएंगे। मंदिरों के बाहर बस स्टॉप से लेकर मंदिर के मुख्य द्वार तक रंग बिरंगी लाइटों से सजाया जाएगा। बरेली के चारों ओर राम द्वार, तपेश्वर द्वार अलखनाथ द्वार और केदारनाथ द्वार के नाम फाइनल किए जा चुके हैं

डेलापीर होगा अब आदिनाथ तिराहा

डेलापीर का भी नामकरण होने जा रहा है। वह अब आदिनाथ तिराहे के नाम किया जाना प्रस्तावित है। इसका नामकरण जल्द ही नगर निगम बोर्ड द्वारा फाइनल करा जाएगा ।यहां भव्य फोकस दीवार बनेगी। जिस पर नाथ नगरी की सांस्कृतिक विरासत और धरोहर को संजोया जाएगा। इसमें नाथ नगरी की सभी जानकारी साझा होगी। इसके अलावा भगवान शिव शंभू का डमरु स्थापित किया जाएगा। डेलापीर तिराहे पर भी निर्माण कार्य शुरू हो गया है। डमरू स्थापित करने के लिए बीच में गड्ढा खोदा गया है। नरियावल तिराहे पर त्रिशूल स्थापित करने की दिशा में भी प्रयास शुरू हो गया है।

गौशाला से लेकर पार्किंग, भंडारा हाल बनेगा, नौ मीटर रहेगा मंदिर में कारिडोर

अलखनाथ मंदिर के लेआउट डिजाइन में नौ मीटर मंदिर के अंदर का कारिडोर रहेगा। पानी के पीने की समुचित व्यवस्था की गई है। वह तमाम श्रद्धालुओं के बैठने के लिए बेंच रहेंगे। टिनशेड रहेगा। पार्किंग की व्यवस्था की गई है। श्रद्धालुओं को खिलाने के लिए भंडारा हाल बनाया जा रहा है। गायों के लिए टिनशेड डाला जाएगा। अलखनाथ मंदिर की शोभा और व्यवस्था भव्य तैयार की जा रही है।

स्टेशन से चौपुला रोड निर्माण शुरू, होगा फोरलेन, बनेगे तीन अंडरपास

नाथ नगरी कारिडोर में मंदिरों को आने जाने के लिए सभी सड़कों को सिक्स लेन और फोरलेन किया जा रहा है। बरेली विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष जोगिंदर सिंह ने बताया कि चौपला पर निर्माण कार्य शुरू हो गया है। चौपुला चौराहे से लेकर स्टेशन रोड तक फोरलेन किया जाएगा। इससे मढ़ीनाथ, धोपेश्वर नाथ और अलखनाथ मंदिर जाने वाले श्रद्धालुओं को सुविधा होगी। इसके अलावा सिटी शमशान भूमि पर अंडरपास, अलखनाथ अंडरपास, मढ़ीनाथ से श्मशान भूमि को जाने वाले वैकल्पिक मार्ग पर भी विचार किया जा रहा है। सुभाषनगर पुलिया के पास भी अंडरपास की व्यवस्था की जा रही है। जिससे कि सातों नाथ मंदिर को जाने वाले श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की असुविधा ना हो।