सम्भल। चार दिवसीय हज़रत शाह अली मुत्तकी इसराइली चिश्ती कादरी रह0 के उर्स का कुल शरीफ के साथ समापन किया गया। इस मौके पर कई हस्तियां ने उर्स मे पहुंचकर सद्भावना का पैग़ाम दिया।
शुक्रवार की सुबह सहर चारे बजे करीब नगर से सटे अली सराय मंडी किशन दास सराय मे हज़रत शाह अली मुत्तकी ईसराइली चिश्ती कादरी रह0 के सालाना चार दिवसीय उर्स का सामपन हो गया। रात भर चल कार्यक्रम ताहिर चिश्ती, असलम शान वारसी, जमील अहमद आदि कव्वालों ने सूफियाना कलाम पेश कर समां बांधा।
हज़रत मोलाना ज़िहानत हुसैन वारसी ईसराइली की सरपरस्ती मे मनाये गये उर्स का समापन कुल शरीफ की परम्परागत रस्म के साथ हुआ। उर्स के मौके पर सद्भावाना का पैग़ाम देते हुए आपसी भाईचारे पर बल दिया। वक्ताओं ने कहा दरगाहों से आपसी भाईचारा ओर प्रेम बढ़ता है। हमे सब को इसी तरह एक साथ प्रेम से रहने की ज़रूरत है। इस दौरान उ0 प्र0 वक्फ विकास निगम के डायरेक्टर मो0 इमरान तुर्की तथा ब्लाक प्रमुख पंवासा के पति हरदेश यादव, वरिष्ठ अधिवक्ता मशहूद अली फारूकी रहे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता बिलापत दरगाह के सज्जादानंशीन डॉ0 हसन मियां वारसी ने तथा संचालन सलमान नबी सम्भली ने किया। महमाने खुसूसी शहर इमाम मौलाना आफताब हुसैन वारसी रहे। अंत मे दरगाह के नाज़िमे आला मनाज़िर हुसैन वारसी ने सभी का आभार प्रकट किया।
इस मौक़े पर सईद अख्तर ईसराइली, सलमान नबी संभली, मोहम्मद उमर तुर्की, मोहम्मद सुल्तान, फहीम वारसी, चौधरी रईस उद्दीन, महफूज़ तुर्की, मरगूब अशरफी, बाबू मंसूरी, कासिम तुर्की, कमर उद्दीन उर्फ़ सूखा, मोहम्मद साकिब वारसी, आसिफ तुर्की, उस्मान गामा तुर्की, मुन्ना चौकीदार, शमसुद्दीन, हाजी आशिक, कामिल तुर्की, अनवर तुर्की, हबीब वारसी, फ़िरोज़ अनवर, हाजी अज़ीम, नूर उद्दीन मंसूरी, लतीफ़ वारसी, मुशाहिद मंसूरी, आसिफ वारसी आदि शामिल रहे।
सम्भल से खलील मलिक कि ख़ास रिपोर्ट