खनन की सूचना देने पर खनन अधिकारी नहीं करते फोन रिसीव
सम्भल। जनपद में लगातार अवैध खनन चरम सीमा पर चल रहा है।इसको लेकर लगातार खबरें भी प्रकाशित हो रही है। लेकिन खनन अधिकारी जैसे कि मौन अवस्था में अपने कार्य को अंजाम दे रहे हैं।संभल जनपद में देखा जाए तो अवैध खनन का कारोबार को लेकर प्रशासन की या यह कहा जाए खनन अधिकारी की ग्राउंड रिपोर्ट जीरो है।ऐसा प्रतीत होता है कि खनन अधिकारी की मिलीभगत से खनन माफिया धड़ल्ले से खनन कार्य को अंजाम दे रहे हैं।इतना ही नहीं खनन माफिया बिना किसी डर खौप के खनन कर रहे हैं नहीं तो इन खनन माफियाओं को किसी अधिकारी का डर है।और ना ही पुलिस का क्योंकि अगर खनन अधिकारी को क्षेत्रों में हो रहे अवैध खनन की जब सूचना दी जाती है तो खनन अधिकारी का फोन ही रिसीव नहीं होता और फोन रिसीव होता भी है। तो खनन करने का समय समाप्त होने के बाद खनन अधिकारी पहुंचते हैं ।आपको बताते चलें थाना क्षेत्रों में हो चल रहे अवैध जिस में थाना सदर कोतवाली क्षेत्र के ग्राम पंचायत चिमयावली के जंगलों से तथा थाना हयातनगर क्षेत्र के ग्राम आढौल के जंगलों में से थाना कैलादेवी क्षेत्र के खिरनी पुलिस चौकी क्षेत्र के सैडा के जंगलों से थाना नखासा क्षेत्र में सलारपुर कला पीपली रेहमापुर के जंगलों से खनन माफिया बेखौफ होकर धड़ल्ले से खनन कार्य को अंजाम दे रहे हैं। इन खनन माफियाओं द्वारा उपजाऊ भूमि को बंजर बनाया जा रहा हैं और अधिकतर भूमि को बंजर बना चुके हैं।और राजस्व विभाग को भी चूना लगाया जा रहा है।खनन माफिया अपनी दबंगई के चलते खनन कार्य में सफल होते नजर आ रहे हैं क्योंकि नहीं इन खनन माफियाओं को किसी अधिकारी का डर है और ना ही खनन की सूचना देने वाले किसी व्यक्ति का डर है। इसी के चलते यह खनन माफिया अपने कार्य को अंजाम दे रहे हैं यहां ऐसा लगता है कि एक फिल्मी गाना है कि सैंया भए कोतवाल तो डर काहे का, की तर्ज पर खुलेआम माफिया खनन करते हुए दिखाई दे रहे हैं।
सम्भल से खलील मलिक की रिपोर्ट