डा मुनव्वर ताबिश नसर और नज़्म दोनों मैदानो में महारत रखते हैं,एस डी एम बिलारी
सम्भल। मंडी आलम सराय स्थित क़ौसेन मुनव्वर के आवास पर बज़्मे अब्र के ज़ेरे अहतमाम डा मुनव्वर ताबिश की पांचवीं किताब मय्यार ओ मीज़ान का विमोचन एस डी एम बिलारी राज बहादुर , ज़मीर सालकी अदीबी, शाह हुसैन आरिफ
सुल्तान मुहम्मद ख़ां कलीम , हुसैन अफसर, मुजाहिद अली नादान, अलहाज यामीन बरकाती, प्रोफेसर आबिद हुसैन हैदरी,डा नफीस बिलारवी ,शफ़ीक बरकाती ,शबाब मेनाठेरवी , अब्दुल क़ुद्दूस जोहर , मास्टर हफीज़ ख़ां के द्वारा किताब का विमोचन किया गया।
विमोचन व माहाना तरही मुशायरे के मेहमाने ख़ूससी की हेसयत से शरीक एस डी एम बिलारी ने किताब से मुताल्लिक अपने ख़यलात का इजहार करते हुए कहा के डा मुनव्वर ताबिश सिर्फ ये के वो एक अच्छे शायर हैं बल्कि वो एक अच्छे नस्र निगार भी हैं वो अपनी शायरी और नस्र के ज़रिए लोगों को एक दुसरे से मिल जुल के रहने का पैगाम देते हैं।
एम जी एम डिग्री कालेज के प्रोफेसर आबिद हुसैन हैदरी ने कहा के सम्भल शहर में अदबी माहौल को गर्म रखने वाली शख्सियत का नाम डा मुनव्वर ताबिश है, ये एक ज़माने से अदब की ख़िदमात अंजाम दे रहे हैं। अब तक उनके पांच मजमूए मंज़र ए आम पर आ चुके हैं। जिन पर मुल्क भर की अकादमियों ने एज़ाज से नवाजा़ है।इन्हें 2012 में सामज वादी पार्टी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी अवार्ड व सन्द पैश की है इनकी ज़ात से अदब को काफी उम्मीदें वाबस्ता हैं
मै इन्हें मेय्यार ओ मीज़ान के लिए मुबारकबाद पैश करता हूं इन की इस किताब में ऐसे कई आरटीकल है। जिनसे शायर ख़ूब फ़ायदा उठा सकते है । इस मोक़े पर शहर के मुख्य शायर और अदीब मोजूद थे । इसके अलावा तरही प्रोगाम का आयोजन किया गया , जिसकी तरही पंक्ति ,, कोई अलम अलम नहीं कोई ख़ुशी ख़ुशी नहीं ,, था इस तरही प्रोग्राम में जिन शायरों ने अपना कलाम पेश किया उनमें , ताहिर हुसैन ताहिर, इरफान सबा , आसी हसनपुरी, नौशाद अनगड, क़दीर जाफिर ,डा रिफत बज़्मी,हकीम बुरहान,डा अनस अमरोहवी,शाह आलम रोनक, बेदिल सम्भली, मुस्तफा रज़ा सिरसवी , मोजूद रहे
प्रोग्राम की अध्यक्षता ज़मीर सालकी अदीबी बिलारवी ने की जबकि संचालन शाह हुसैन आरिफ ने किया।
सम्भल से खलील मलिक की रिपोर्ट