सम्भल। नवीन मंडी पर किसानों द्वारा लाई रही मक्का व आढ़तियों द्वारा खरीदी गई गीली मक्का बाइक सवार व राहगीरों को हादसों के लिए खुली चुनौती दे रही । लेकिन जिम्मेदारों ने दिन के उजाले में इस सब पर अपनी आँखे मूंद रखी है । और ऐसा नही है कि आने जाने वालो को इस मक्का के कारण परेशानी का सामना नही करना पड़ रहा हो लेकिन कुछ कमज़ोर तबके के लोग इस परेशानी से होकर गुजरने के बावजूद भी अपनी जुबान नही खोल रहे दबी जुबान से इतना तो कह देते है कि यह मक्का अगर हमने बिछाई होती तो शायद इस समय निकट की चौकी में बंद होते या फिर अस्पताल में इलाज करा रहे होते लेकिन इन लोगो से कौन कोई कहने सुनने वाला ही नही है । मक्का बिछाने वालों के हौसले कितने बुलंद है कि चौकी मंडी समिति के सामने तक मक्का फैला कर हादसों को दावत दी जा रही इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है।

वर्जन मंडी सचिव
किसान जो गीली मक्का ला रहे उनको सुकवा कर खरीदा जा रहा है। इसलिए मंडी की सड़को पर मक्का सुखाई जा रही है लेकिन सुखाने वालो को चाहिए बीच मे रास्ता छोड़ कर मक्का सुखाए।

सम्भल से खलील मलिक की रिपोर्ट