पत्रकारो ने लिया चुनौतियों का सामना करने का संकल्प
पत्रकारों ने मतभेद भुलाकर एकजुट रहने का आहवान किया
सम्भल। संयुक्त पत्रकार संघ के बैनर तले हिंदी पत्रकारिता दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में प्रेस-मीडिया की स्वतंत्रता पर निरंतर हो रहे हमलों का एकजुटता के साथ मुकाबला करने का संकल्प लिया गया। पत्रकारों के मान सम्मान के लिए आदर्श आचरण अपनाने पर बल देते हुए पत्रकारिता में नैतिक मूल्यों के पतन पर गहरी चिंता प्रकट की गई।
नगर के शंकर भूषण शरण जनता इंटर कॉलेज में आयोजित कार्यक्रम में वक्ताओं ने कहा कि वर्तमान समय में प्रेस-मीडिया के सामने गंभीर चुनौतियां है, कई पत्रकारों पर झूठे मुकदमे दर्ज कर प्रेस की आवाज को दबाने का प्रयास किया गया है। जिसे कतई सहन नहीं किया जाएगा। वक्ताओं ने जोर देकर कहा कि निजी स्वार्थों से उठकर ही लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। पत्रकारों के बीच छोटे-मोटे मतभेदों के चलते अफसरशाही हावी हो जाती है। जिसका नुकसान सभी को भुगतना पड़ता है। वक्ताओं ने कहा कि सभी पत्रकार एक-दूसरे का सम्मान कर आदर्श आचरण का परिचय दें। जिससे कि पत्रकारिता के उच्च मानदंड स्थापित हो सकेँ। इस अवसर पर 13 मई को मतगणना की कवरेज को लेकर पुलिस के उच्च अधिकारी द्वारा पत्रकारों के साथ की गई बदसलूकी की घटना की जांच के संबंध में भारतीय प्रेस परिषद, उत्तर प्रदेश मानव अधिकार आयोग, मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन को अनु स्मारक रिमाइंडर प्रेषित किये जाने का सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया। कार्यक्रम में दिलीप गुप्ता, साद उस्मानी, मुजफ्फर हुसैन, संजीव गुप्ता, इंद्रपाल यादव, ओमवीर सिंह, फरजंद वारसी, अजीम अब्बासी, विनीत शर्मा, शाहबेज खां, सैयद दानिश, कासिम, सलीम अंसारी, सुरजीत, मशकूर मंसूरी, शानू मसीह, आतिफ खां, कुश कुमार आर्य, इरशाद खां आदि मुख्य रूप से उपस्थित रहे।
सम्भल से खलील मलिक की रिपोर्ट