उझानी— कोतवाली क्षेत्र के समीपवर्ती बरेली- आगरा राज्य मार्ग पर स्थित गांव छतुईया का रेलवे फाटक अचानक तकनीकी खामीं के कारण अचानक स्वत: ही गिर पड़ा। जिसके चलते इस रेलवे फाटक से गुजरने वाले यात्री वाल- वाल बच गए।
आगे जानकारी के मुताबिक जिस समय गांव छतुईया का रेलवे फाटक गिरा उस वक्त रेलवे विभाग के कर्मचारी बजीर, सुमित, भगवान दास के साथ अन्य कर्मचारी भी मैजूद थे। परन्तु चिंताजनक तथ्य तो यह है कि जिस समय यह फाटक गिरा उस वक्त किसी रेलवे कर्मचारी का ध्यान उस तरह नहीं था। यदि फाटक गिरते समय यदि कोई भी यात्री इसकी चपेट में आने से हादसे का शिकार हो जाता तो इसका जिम्मेदार कौन होता। रेलवे कर्मचारी या यात्री।इसका जवाब किसी के पास नहीं है। रेलवे विभाग के आला अधिकारियों को रेलवे फाटक पर ड्यूटी कर रहे कर्मचारियों की जांच पड़ताल करनी चाहिए जिससे आगे कोई ऐसा बड़ा हादसा न होने पाएं।