बदायूँ। जिला उद्यान अधिकारी ने बताया कि यदि बेरोजगार युवा अपना उद्यम शुरू करना चाहते हों और उनके सामने आर्थिक समस्या आ रही है, तो अब उन्हें चिन्ता करने की बात नहीं है। युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में सरकार की ओर से तमाम योजनायें संचालित की जा रही हैं, जिससे स्वरोजगार को बढ़ावा मिल सके। इनमें से ’’पीएम एफएमई – प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना‘‘ की एक ऐसी ही योजना है जो उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग, उप्र के माध्यम से संचालित की जा रही है। यह योजना उनके सपनों को साकार कर सकती है। खाद्य प्रसंस्करण के विभिन्न उद्योगों हेतु अनुदान मिलेगा। जैसे बेकरी, पशु एवं मुर्गी चारा, चावल एवं चावल मिल, दुग्ध उत्पादन से संबिंधत, फ्लोर मिल, आयल सीड आधारित उद्योग, नमकीन उद्योग, मिठाई उद्योग, मैदा आधारित उद्योग, चिप्स, पापड़, नमकीन, बिस्कुट, रेडी टू कुक, मशरूम एवं मशरूम आधारित उद्योग, अचार, जैम, जैली, केचप, मुरब्बा, रीफर व्हीकल्स/मोबाइल प्री- कूलिंग वैन जैसे उद्योग के लिए ऋण मिलेगा।
उन्होंने बताया कि व्यक्तिगत सूक्ष्म खाद्य उद्यमियों, एफपीओ, स्वयं सहायता समूहों एवं कोआपरेटिव को तथा नवीन खाद्य प्रसंस्करण इकाई स्थापित करने हेतु इच्छुक उद्यमियों को प्रोजेक्ट की लागत का अधिकतम 35 प्रतिशत क्रेडिट लिंक्ड कैपिटल सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जाएगा (अधिकतम सब्सिडी 10 लाख प्रति उद्यम)। लाभार्थी का योगदान न्यूनतम 10 प्रतिशत होना चाहिए और शेष राशि बैंक से लाभार्थी को ऋण प्राप्त करना होगा। योजनान्तर्गत प्रोजेक्ट लागत का 3 करोड़ तक निर्धारित है।
उन्होंने बताया कि ऋण में अनुदान राशि के लिए बैंक द्वारा कोई ब्याज नहीं लिया जाएगा। पात्रता हेतु योजनान्तर्गत पूर्व से स्थापित वह इकाईयां पात्र होंगी जिनमें 10 से कम कार्मिक कार्यरत हैं। इकाई का स्वामित्व आवेदक है तथा उसकी आयु 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए। इसमें शैक्षिक योग्यता की कोई बाध्यता नहीं है। एक परिवार का केवल एक व्यक्ति वित्तीय सहायता प्राप्त करने हेतु पात्र होगा। परिवार से आशय स्वयं पति/पत्नी और बच्चे से है। योजनान्तर्गत ‘‘एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी)’’ की बाध्यता समाप्त की जा चुकी है। खाद्य प्रसंस्करण इकाईयों की स्थापना हेतु प्रोत्साहित करने एवं उद्यमियों को योजनान्तर्गत आवेदन करने में सहायता के लिए निदेशालय स्तर से योजनान्तर्गत जिला रिसोर्स पर्सन (डीआरपी) नियुक्त किये गये हैं, जिनके विभिन्न कार्य हैं जैसे डीपीआर तैयार करवाने में सहयोग प्रदान करेंगे। बैंक ऋण प्राप्त करवाने में सहयोग प्रदान करेंगे। खाद्य प्रसंस्करण इकाईयों के पंजीकरण करवाने के सहयोग प्रदान करना। एफएसएसएआई के खाद्य मानकों के अनुसार कार्य करना। उद्यम आधार एवं जीएसटी प्राप्त करने के लिए सहायता उपलब्ध करायेंगे। योजना के विस्तृत दिशा-निर्देश मंत्रालय की वेबसाइट https://mofpi.nic.in/pmfme/ पर देखे जा सकते है। अधिक जानकारी हेतु व्यक्तिगत रूप से उद्यमी एवं अन्य इच्छुक व्यक्ति जनपद में जिला उद्यान अधिकारी कार्यालय एवं योजना की जानकारी के सम्बन्ध में निम्नलिखित दूरभाष नम्बरों पर भी सम्पर्क कर सकते हैं।