बदायूँ। शहर के कई स्थानों पर चलाए गए आभियान में सात प्रतिष्ठानों पर छापे मारी की गई तो वहां ग्यारह बाल श्रमिक काम करते पाए गए विभाग ने उन बाल श्रमिकों को बाल श्रम से मुक्त कराया है। सेवायाेजकाें के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।
डीएम मनोज कुमार, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डा ओपी सिंह एवं सहायक श्रमायुक्त अजीत कन्नौजिया के द्वारा निर्देशों पर शहर के क्षेत्रों में बालश्रम रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया। अभियान में लावेला चौक, कचहरी चौराहा, जालंधरी सराय, लालपुल तिराहा, उझानी रोड, लालपुल निकट आदि जगहों पर स्थित ढाबों, कैंटीन, ऑटो गैराज, मैकेनिक शॉप आदि पर छापे मारे गए। ग्यारह बाल श्रमिकों को चिन्हित किया गया तथा बच्चों से काम लेने वाले सात सेवायोजकों के विरूद्ध निरीक्षण टिप्पणी जारी कर आवश्यक कार्यवाही की गई।


श्रम प्रवर्तन अधिकारी सतेंद्र कुमार मिश्र ने बताया कि खतरनाक प्रक्रिया के अंतर्गत दोषी पाए जाने वाले सेवायोजकों के विरूद्ध एक वर्ष तक की सजा य पचास हजार रुपए तक का जुर्माना या दोनों से दंडित किया जा सकता है, इसके अतिरिक्त सेवायोजक से प्रति बाल श्रमिक बीस हजार रूपए की वसूली चाइल्ड लेबर वेलफेयर फंड हेतु प्रथक से की जायेगी तथा यदि कोई माता पिता भी अपने बच्चों को व्यवसायिक कार्य में संलग्न करेगा तो उनके विरूद्ध भी दंडात्मक कार्यवाही अपनाई जायेगी।
मंत्री श्रम एवं सेवायोजन अनिल राजभर ने उत्तर प्रदेश को 5 वर्ष से कम उम्र के बाल श्रम से मुक्त कराने के निर्देश दिए हैं इसी के अंतर्गत यह छापामार कार्रवाई नियमित रूप से जारी रहेगी।
सभी जनपद वासियों , दुकानदारों एवं व्यवसायियों से कहा गया कि 18 वर्ष से कम उम्र के बालकों व किशोरों को काम पर न लगाए उन्हे स्कूल भेजने में उनकी मदद करें जिससे उनका भविष्य सुरक्षित हो सके।


कम उम्र के बच्चों से कार्य कराना कानूनी अपराध होने के साथ ही साथ बच्चों के शारीरिक वा मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी खतरनाक है।आप सभी स्वस्थ समाज के निर्माण में सरकार का सहयोग करें।
अभियान में एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट प्रभारी निरीक्षक विनोद कुमार वर्धन, चाइल्डलाइन जिला प्रभारी कमल शर्मा, कांस्टेबल नाजिम , टीम सदस्य पुरषोत्तम शर्मा व श्रम विभाग से आमिर, रूवेश आदि टीम में शामिल रहे।