सहसवान : शादियों का सीजन चल रहा है और हर विवाह समारोह की दावत में मटर पनीर और शाही पनीर होना लाजमी है। जिस शादी की दावत में यदि मटर पनीर और शाही पनीर इन दोनों में से कुछ भी ना हो तो लोग भंडारे की दावत कहते हैं। लेकिन विचार करने योग्य एक बात कि शाही पनीर अब शाही नहीं रहा अब वह सिंथेटिक शाही पनीर हो गया है। कारण यह कि बाजार में मिलने वाला पनीर शुद्ध नहीं सिंथेटिक पनीर है।
खपत बढ़ने के साथ ही बाजार में मिलावटी पनीर की बिक्री बढ़ गई है। बाजार में इन दिनों कई तरीके का पनीर अलग-अलग रेट में मिल रहा है। बाजार में 180 से 380 रुपये तक के रेट का पनीर बिक रहा है। तीन सौ रुपये के करीब बेचे जाने वाले पनीर को दुकानदार बिल्कुल शुद्ध बताते हैं तो दूसरे पनीर को क्रीम निकले दूध का बताया जताया है। इस बीच दुकानदार सिंथेटिक दूध से बने पनीर का बिल्कुल जिक्र नहीं करते। जबकि सच्चाई यह है कि बाजार में ज्यादातर पनीर सिंथेटिक वाला ही है। लोग गलती से इसकी खरीद कर लेते हैं। जिले की तहसील सहसवान में इसका कारोबार काफी बढ़ गया है।

आंकड़े बोलते हैं

दरअसल आंकड़ों की मानें तो देश में करीब 15 करोड़ टन दूध का उत्पादन होता है। ऐसे में अगर इस पूरे दूध को पनीर बनाने में भी खर्च कर दें तो 7 लाख टन पनीर ही बन सकता है। जबकि हमारे देश में पनीर की डिमांड हर साल लगभग 25 फीसदी की दर से बढ़ रही है। एक अनुमान के मुताबिक इस वक्त देश में 5 लाख टन पनीर की खपत हो रही है। जबकि देश में पूरे दूध का पनीर तो बनता नहीं है। ऐसे में ये साफ है कि घरों तक नकली या मिलावटी पनीर भेजकर मुनाफा कमाने वाले अपना खेल कर रहे हैं।

मिलावटी पनीर से होती हैं ये बीमारी

सहसवान के एक प्रतिष्ठित डॉ० का कहना है कि मिलावटी पनीर के प्रयोग से डिहाइड्रेशन, डायरिया और फूड प्वाइजनिंग तक का खतरा रहता है। संभव हो तो दूध लेकर घर में पनीर बनाकर इस्तेमाल करें। इससे कम से कम सेहत नहीं बिगड़ेगी। अगर पनीर या खोवा खरीदें तो जानकार लोगों की मदद से या विश्वासपात्र दुकानदारों से ही खरीदें।

यहां होती है नकली पनीर की सबसे ज्यादा बिक्री

बात करें सहसवान की तो सहसवान की अकबराबाद सब्जी मंडी और बाजार विल्सन गंज सब्जी मंडी में जमकर नकली पनीर का कारोबार चल रहा है। पहले कभी पनीर की मात्र एक दुकान हुआ करती थी। लेकिन आज की तारीख में चार-पाँच दुकानों पर नकली पनीर बिक रहा है। बात करें असली और नकली पनीर की तो एक पनीर विक्रेता ने अपना नाम ना छापने की दुहाई देते हुए कहा कि जब दूध ही पूरा नहीं पड़ रहा तो असली पनीर कहां से मिल जाएगा। अब यह तो आने वाला समय ही बताएगा कि इस खबर से अधिकारियों पर और पनीर विक्रेताओं पर क्या असर पड़ता है। क्या नकली पनीर विक्रेताओं पर जिम्मेदार कोई कार्यवाही करेंगे या फिर यूं ही चलता रहेगा यह नकली पनीर का कारोबार ?