बदायूँ। जिला महिला अस्पताल में इन दिनों डाक्टरों का टोटा इस कदर बना हुआ है कि वहां तैनात नर्सों और वार्डआया के सहारे किसी तरह सामान्य प्रसव कराया जा रहा है।जिला महिला अस्पताल में डाक्टर समय से नहीं आते है गर्भवती महिलाओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मंगलवार को सुबह ओपीडी में डाक्टर एक स्त्री रोग विशेषज्ञ दो बाल रोग विशेषज्ञ ही महिला अस्पताल की ओपीडी चला रहे थे। यहां आने वाली प्रसूताओं को घंटो लाइन में खड़े होकर इंतजार करना पड़ा जिससे उन्हें काफी परेशानी हुई जिला महिला अस्पताल में गंभीर गर्भवती महिलाओं को सीधा अन्य जगहों के लिए रेफर कर दिया जा रहा है। सबसे अधिक दिक्कत तीन महिला विशेषज्ञ चिकित्सकों छुट्टी लेने से बढ़ी है। ऐसे में रोजाना ओपीडी में 200 से लेकर 300 तक गर्भवती महिला पहुंच रहीं महिला मरीजों को चिकित्सकीय सुविधाओं से वंचित होना पड़ रहा है।महिलाओं को बेहतर चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध कराने के लिए जनपद में अकेला जिला महिला अस्पताल संचालित किया जा रहा हैं। शहर स्थित जिला महिला अस्पताल की स्थिति इस कदर खराब है कि यहां उपचार के लिए पहुंचने वाली गर्भवती महिलाओं को तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जिसकी वजह प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ का न होना है। इसके आठ पद तो स्वीकृत हैं, लेकिन यहां सात ही चिकित्सक तैनात हैं। इसमें दो महिला चिकित्सक छुट्टी पर चल रही है, एक डाक्टर मंगलवार को ज्वाइन करेंगी एक की आईपीडी में ड्यूटी एक डाक्टर का ऑफ है।वहीं एक डाक्टर की ड्यूटी नसबंदी कार्यक्रम में लगने से दिक्कत और भी बढ़ गई है। इसके अलावा पैथोलाजी में डॉ जयादीप ग्रोवर व रेडियालाजिस्ट के पद पर सीएमएस खुद संभाल रहे हैं।
जबकि अस्पताल प्रशासन लगातार शासन से लेकर जिला प्रशासन को खाली पदों के चलते हो रही दिक्कत की जानकारी देने के साथ डाक्टरों को तैनात करने की मांग कर रहा है, लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है। तीन महिला डाक्टर छुट्टी पर होने की वजह से प्रसूताओं को परेशानी काफी बढ़ गई है। वर्तमान में मात्र दो ही डाक्टर हैं। ऐसे में जहां नर्सो और वार्ड आया के द्वारा सामान्य प्रसव हो रहा है वहीं गंभीर महिला मरीजों को अन्यत्र रेफर करना पड़ रहा है। लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है। सीएमएस डॉ इंदुकांत वर्मा ने बताया कि चिकित्सकों की तैनाती के लिए शासन से लेकर जिला प्रशासन को लिखित तौर पर पत्र भेजा गया है।