बदायूँ। जिला महिला अस्पताल में भ्रष्टाचार चरम पर आने की वजह से सीएमएस ने भ्रष्ट स्टॉफ की नकेल कसना शुरू कर दी है। जिससे अस्पताल में हड़कंप मचा हुआ। उनकी ड्यूटी इधर से उधर कर रोस्टर बदलने से कुछ स्टॉफ की चलती हुई दुकान बंद हो गई है।जिससे भ्रष्टाचार में लिप्त स्टॉफ आपस में कानाफूसी करने में लगे है। महिला अस्पताल के कर्मचारियों के रिश्वत लेने के मामले आए दिन समाचार पत्रों में खबरें प्रकाशित होती रहती हैं। फिर भी कर्मचारी अपनी आदतों से बाज नहीं आ रहे है। इसका कारण यह है कि अस्पताल में कर्मचारियों को पांच साल से अधिक हो गए है और वो वहीं पैर जमाए बैठे है। जबकि सरकार का तीन साल में ट्रांसफर होने का शासनादेश है। मगर वह अपने आका की वजह से अस्पताल में दबंगई दिखा रही है। जबकि उनका यहां पर कोई बाजूद नही है। सूत्रों की माने तो महिला अस्पताल में आने वाली प्रसूताओं से नॉर्मल डिलीवरी के एक हजार से तीन हजार और ऑपरेशन से डिलीवरी में पांच हजार से लेकर नौ हजार रुपए तक कर्मचारी जबरन वसूल करते है। यही नही प्रसूताओं के परिजन रुपए नही देते है तो उनके साथ बदसलूकी भी करती है। सीएमएस डॉ इंदुकांत वर्मा ने बताया कि भ्रष्टाचार में लिप्त कोई भी कर्मचारी,स्टॉफ नर्स पाई जाती है तो एक माह का वेतन और उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।