गरीबों के लिए टैक्स माफ ,अमीरों का टैक्स हाफ
बदायूँ। जनपद में 21 नगर पालिका और नगर पंचायत है जिसमें एक ऐसी नगर पालिका बदायूँ है।जिसको जिले की जनता बहुत दिलचस्पी देख रही है। नगर निकाय चुनाव में हमेशा की तरह घमासान मचा हुआ है। जब तक पूर्वमंत्री आबिद रजा की पत्नी फात्मा रजा की चुनावी एंट्री नहीं हुई थी। तब तक चुनाव साइलेंट मोड में था। पर्चा भरते ही वोटर खुलकर सामने आ गया है। इसके बाद पूर्वमंत्री आबिद रजा व उनकी पत्नी फात्मा रजा ने चुनाव को लेकर चर्चा की है। जिसमें कहा कि भाजपा प्रत्याशी की तरह हम गंदी और ओछी राजनीति नहीं करते हैं।चुनाव से पहले लोगों से कहतीं थी। हमें वोट की जरूरत नहीं अब जनता और आम लोगों से सहयोग मांग रही हैं। उन्होंने कहा कि पांच वर्ष तक हर किसी ने गंदगी की मार झेली है। यह बड़ी समस्या किसी से छिपी नहीं है। बोले बदायूँ नगर पालिका में पांच वर्ष तक व्यापारी आम व्यक्ति ने टैक्स की मार बहुत झेली है। उन्होंने ऐलान किया जनता सहयोग जिस तरह से कर रही है और समर्थन मिल रहा है। अगर वह चुनाव जीते और फात्मा रजा चेयरमैन बनीं तो शहर के अंदर नगर पालिका से लगने वाला टैक्स अमीरों के लिए हाफ कर दिया जायेगा और गरीबों के लिए पूरी तरह माफ कर देंगे। बोले हम जनहित की बात करते हैं जनता के साथ खड़े रहने वाले नेता हैं। बोले हम सफाई कर्मचारियों के साथ खड़े होने वाले हैं।
हमने अपने कार्यकाल में सफाई कर्मियों के वेतन से कभी ठेकेदारों के भुगतान नहीं किये। बोले हम कर्मचारियों को समय पर पूरा वेतन देंगे। बोले जनता जानती है उनके कार्यकाल में पेयजल, साफ.सफाई और बिजली रोशनी व्यवस्था कभी बिगड़ने नहीं दी। कहा कि यह चुनाव एक.एक मुद्दे पर होगा। पांच वर्ष मलाई मारने वाले नेताओं को अब एक.एक वोटर को हिसाब देना पड़ेगा। दो मंजिल पर नहाने वाले पानी पीने को तरसे निकाय चुनाव में वोट मांगने निकल रहे पूर्वमंत्री आबिद रजा और फात्मा रजा को जनता पांच वर्ष का दुखदर्द सुना रही है। पूर्वमंत्री ने बताया कि एक परिवार में गये तो उन्होंने कहा कि आप और आपकी पत्नी फात्मा रजा का कार्यकाल था तो पेयजल सप्लाई व्यवस्था इतनी अच्छी थी। कि टंकी का पानी दूसरी मंजिल तक पहुंचा था और दूसरी मंजिल पर नहाते थे।लेकिन अब दूसरी मंजिल तो दूर कई.कई दिन पीने के लिए पानी नहीं मिलता है।
पांच वर्ष में कबाड़ा बना दिये जनरेटर
शहर के अंदर नलकूपों पर पेयजल व्यवस्था बेहतर करने के लिए जनरेटर की सुविधा की गई थी लेकिन पांच वर्ष पहले तक तो जनरेटर चले। इसके बाद इन पांच वर्षों में जनरेटर को कबाड़ा बना दिया है। अब एक भी जनरेटर नहीं चल रहा है पेयजल सप्लाई के लिए बिजली का इंतजार चलता है।
लाइटें गायब जनरेटर सुविधा ठप
शहर के अंदर नगर पालिका में पांच से सात वर्ष पहले स्ट्रीट लाइटें लगवाईं गईं थीं। जिनको जनरेटर सुविधा से कनेक्ट किया गया था जिससे शहर के अंदर बिजली जाने के बाद भी रोशनी रहे। मगर नगर पालिका ने स्ट्रीट लाइटों को उखाड़ लिया है यहां तक कई वीआईपी इलाके से लाइटें गायब हैं और जनरेटर से सप्लाई बंद है।
मतदाताओं को आयोग ने मतदान के लिए दिए पंद्रह ऑप्शन
मतदाता पहचान पत्र के रूप में प्रयोग किए जा सकते हैं यह दस्तावेज
बदायूँ। जिला मजिस्ट्रेट जिला निर्वाचन अधिकारी (नगर निकाय) मनोज कुमार ने बताया कि नगर निकायों के सामान्य निर्वाचन के अंतर्गत राज्य निर्वाचन आयोग से प्राप्त निर्देश के क्रम में नगरीय निकायों के सामान्य निर्वाचन, 2023 में निर्वाचकों के प्रतिरूपण को रोकने और उनकी पहचान सुनिश्चित करने के लिए मतदान करने हेतु मतदाताओं को 15 विकल्प दिए हैं।
जिला निर्वाचन अधिकारी (नगर निकाय) मनोज कुमार द्वारा बताया गया कि मतदान स्थल पर राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा निर्गत मतदाता पहचान पत्र, आधार कार्ड, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेन्स, आयकर पहचान पत्र, राज्य,केन्द्र सरकार, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, स्थानीय निकायों अथवा पब्लिक लिमिटेड कम्पनियों द्वारा उनके कर्मचारियों को जारी किये जाने वाले फोटोयुक्त पहचान पत्र, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों,पोस्ट आफिस द्वारा जारी फोटोयुक्त पासबुक, फोटोयुक्त पेंशन अभिलेख यथा-भूतपूर्व सैनिक पेंशन बुक, पेंशन भुगतान आदेश, वृद्धावस्था पेंशन आदि ।
इसके अतिरिक्त फोटोयुक्त स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी पहचान पत्र, फोटोयुक्त शस्त्र लाइसेंस, फोटोयुक्त शारीरिक रूप से अशक्त होने का प्रमाण पत्र, श्रम मंत्रालय की योजना के अन्तर्गत जारी स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड, राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) के अन्तर्गत रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इण्डिया द्वारा जारी स्मार्ट कार्ड, सांसदों, विधायकों,विधान परिषद सदस्यों को जारी किए गये सरकारी पहचान पत्र व राशनकार्ड में से कोई एक पहचान पत्र होना अनिवार्य होगा।
इनमें से कोई दस्तावेज जो परिवार के मुखिया के पास ही उपलब्ध होते हैं, वे परिवार के दूसरे सदस्यों की पहचान के लिए भी वैध माने जाएंगे बशर्ते कि सभी सदस्य एक साथ आते हैं और उन सदस्यों की पहचान परिवार के मुखिया द्वारा की जाती है। उन्होंने निर्देश दिए कि इसके अनुसार मतदाता की पहचान सुनिश्चित कराई जाए।