दुर्गा मंदिर पुरानी चुंगी बदायूं बरेली रोड पर रंगभरी एकादशी पर शाम 6:00 बजे से रात्रि 10:00 बजे तक हरि नाम संकीर्तन का आयोजन किया गया जिसमें कीर्तन मंडल द्वारा भगवान श्री राधा कृष्ण, शिव गौरी के मनमोहक भजन गाये, भजनों पर भक्तों ने खूब होली खेलकर वा एक दूसरे को गुलाल लगाकर आनंद लिया इस अवसर पर मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष राजाराम कश्यप व प्रबंधक पुनीत कुमार कश्यप एडवोकेट ने संकीर्तन मंडली के लोगों का पटका पहनाकर आदर व सत्कार किया।
मंदिर के पुजारी त्रिलोक कृष्ण मुरारी ने रंगभरी एकादशी के बारे में भक्तों को बताया उन्होंने कहा रंगभरी एकादशी पर माता गौरी आती हैं ससुराल पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, रंगभरी एकादशी के दिन ही भगवान शिव माता पार्वती को विवाह के बाद पहली बार काशी लेकर आए थे, रंगभरी एकादशी पर आंवले के पेड़ की भी उपासना की जाती है. इसलिए इस एकादशी को आमलकी एकादशी भी कहा जाता है। रंगभरी एकादशी काशी में मां पावर्ती के स्वागत के रुप में मनाई जाती है। काशी मैं यह मान्यता है रंगभरी एकादशी वाले दिन माता गौरी का गौना हुआ था ।
इस दिन को आमलकी एकादशी भी कहते हैं
फाल्गुन शुक्ल की एकादशी को काशी में रंगभरी एकादशी कहा जाता है, रंगभरी एकादशी बाबा विश्वनाथ के भक्तों के लिए बहुत खास है, माना जाता है कि इस दिन भगवान शिव माता गौरी को गौना कराकर काशी लाए थे, इसलिए ये दिन काशी में मां पावर्ती के स्वागत के रूप में मनाया जाता है, इस दिन बाबा विश्वनाथ का विशेष श्रृंगार होता है. इस दिन से काशी में होली का पर्व शुरू हो जाता है, जो लगातार 6 दिनों तक चलता है।
इस मौके पर पूर्व सभासद नन्हें लाल कश्यप, जुगेंद्र पांडे, सुधीर कुमार एडवोकेट, योगेंद्र सागर, रवि कुमार, उमेश कुमार, बसंत पटवा, विक्की देवल, धर्मवीर कश्यप, विशाल वैश्य, नरेश कश्यप, अरविंद दिवाकर, प्रदीप कुमार कश्यप, विश्वनाथ मौर्य, मुनीश कुमार, मोहित पांडे, जॉनी कश्यप, नितिन कश्यप, आनंद कश्यप, देवांशु मिश्रा,शिवांशु मिश्रा आदि लोग उपस्थित रहे