उघैती।एक तरफ देश व प्रदेश की सरकार गांव के विकास एवं स्वच्छ भारत मिशन का सपना देख रही है। साथ ही ग्राम पंचायतों में साफ-सफाई एवं बिकास के लिए लाखों रुपए खर्च करने के साथ -साथ कड़े निर्देश दिए जा रहे हैं। तो वही ग्राम प्रधान एवं उनके ही उच्चाधिकारी सरकार की मंशा पर पानी भरते हुए साफ नजर आ रहे हैं। मामला विकासखंड इस्लामनगर की ग्राम पंचायत करियामई का है।जहां ग्राम प्रधान और पंचायत सचिव की मिलीभगत की उदासीनता के चलते सरकार के कड़े निर्देशों को ताख पर रखकर खुलेआम आदेशों की धज्जियां उड़ाते नजर आ रहे हैं।ग्रामीणों के मुताबिक गाँव में काफी पुराना एक सरकारी पंचायत घर बना हुआ है। जिसकी एक साइड दीवार गिर जाने से स्थाई निवासियों ने जगह में कूड़ा डाल कर उस को पेशाब घर बना रखा है।साथ ही बिल्डिंग भी जर्जर अवस्था में है।जो कभी भी धाराशाही हो सकती है।जिससे स्थाई निवासी हादसे का शिकार हो सकते हैं।स्थाई निवासियों ने बताया कि इसकी साफ-सफाई एवं मरम्मत के लिए ग्राम प्रधान से लेकर पंचायत सचिव ऋशिकांत शर्मा से कहने के बावजूद इसकी दीवार लगवाकर उसको साफ ब स्वच्छ रखना उचित नहीं समझ रहे हैं।और न ही आज-तक इस ओर कोई ध्यान दिया है।ग्रामीणों के मुताबिक हल्की फुल्की बारिस होते ही यह गाँव इसके अलावा सड़कों सहित चारों तरफ से स्वच्छ भारत मिशन अभियान से कोसों दूर है।गांव में सफाई कर्मचारी तैनात होने के बावजूद भी साफ-सफाई में पुराने पंचायत घर के अलावा गाँव की नालियां भी जगह-जगह चोक पड़ी हैं।जिसमें कीचड़ से बड़े-बड़े मच्छर पनप रहे हैं। जिस कारण भयानक बीमारी फैल सकती है।इससे साफ जाहिर होता है। कि ग्राम प्रधान व पंचायत सचिव सरकार के आदेशों के प्रति लापरवाही बरतते हुए आदेशों की खुलेआम धज्जियां उड़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।
मामले में ग्राम पंचायत अधिकारी ऋषि कांत शर्मा ने बताया कि मामला संज्ञान में है जल जीवन मिशन के अंतर्गत सफाई अभियान में कराई जाएगी।
रिपोर्ट योगेश उघैती