शौचालय : कहीं फैली गंदगी तो कहीं लटके हैं ताले शौचालय बने शोपीस गंदगी व पानी की किल्लत से खुले में शौच करने को हुए मजबूर
सहसवान। महमूदपुर सौगना ग्राम पंचायत कुआं टांडा थाना सहसवान का एक और घोटाला सामने आया है। प्रधान व सचिव की मिलीभगत से ग्राम पंचायत भवन मैं रेत से बना पंचायत भवन जो कि हाथ लगाकर टूटेनें लगता है। पंचायत भवन में ना कोई सुविधा उपलब्ध कराई गई है। ना कोई लाइट,पानी, फैन पंखा, खराब होने के कारण नहीं हो पाता कोई भी काम कुआं डंडा का शौचालय में गंदगी का ढेर बदबू की गंध से ग्रामीण परेशान। शहर को स्वच्छ और खुद को ओडीएफ प्लस होने का दावा करने वाला नगर निगम करोड़ों रुपये खर्च कर बनाए गए।सार्वजनिक शौचालयों तक का रखरखाव नहीं कर पा रहा। यही कारण है कि विभिन्न स्थानों पर बनाए गए सार्वजनिक शौचालयों की स्थिति बदहाल है। लोगों की सुविधा के लिए बनाए गए इन सार्वजनिक शौचालयों पर कहीं ताले लटक रहे हैं।तो कहीं गंदगी व बदबू से बुरा हाल है।केंद्र सरकार की स्वच्छ भारत अभियान योजना के तहत गाँव मे बड़ी मात्रा में शौचालयों का निर्माण करवाया गया था। शौचालय निर्माण में पंचायतें भी हुई थी। सरकार की और से शौचालय निर्माण के लिए अनुदान दिया गया था। सरकार की योजना को पूरी करने के लिए अधिकारियों ने लोगो के शौचालयों का निर्माण तो करवा दिया, लेकिन शौचालय में पड़ी गंदगी उपयोग होने वाले पानी की कोई व्यवस्था नही की।ग्रामीणों ने कई बार प्रधान से इस बारे में शिकायत भी की मगर प्रधान इस कान से सुनकर उसका निकाल देता है नहीं करवाता शौचालय साफ सफाई नहीं करवाता गाँव में साफ सफाई गाँव में भी साफ सफाई की कोई भी व्यवस्था नहीं है।शौचालय बना गंदगी का अंबार शौचालय पर रखा टैंक के पानी में कीड़े की वजह से पानी में बदबू से फैल गई है।इसकी शिकायत प्रार्थना पत्र देकर की गई तो अधिकारियों के कान पर जूं नहीं रेंगी सिस्टम खराब होने की वजह से काम आधा अधूरा पड़ा है। प्रधान की दबंगई से ग्रामीण परेशान है। प्रधान अपनी दबंगई से प्रधानमंत्री आवास के नाम पर कर रहा है।पैसे की ठगी एक आवास के नाम पर ले रहा 10 से ₹12000 ग्रामीणों की जवानी गाँव में पड़े हैं।चार नल के बोर खराब व शौचालय और आवास के नाम पर हर साल किया जाता है। लाखों रुपए का घोटाला नल के बोर का घोटाले की खराब लगभग हर जिले से मिलती रहती है। ताजा मामला महमूदपुर सौगना का है देखना यह है।खबर प्रकाशित होने के बाद अधिकारी संज्ञान में लेते हैं या फिर गोलमोल कर टाल देते हैं यह तो आने वाला समय ही बताएगा।
रिपोर्ट सैयद तुफैल अहमद