पदाधिकारी को संगठन में जोड़ने के लिए 10 से ₹15000 लेते हैं और उनका कार्ड बना करके भेज देते हैं भारत सरकार की तरफ से गरीबों की सेवा करने के लिए संगठन बनाया गया था जिसमें निशुल्क कार्ड बनने चाहिए लेकिन राजस्थान प्रदेश के जितने भी पदाधिकारी हैं उन सब से इसने लाखों रुपए लेकर के और सब के झूठे कार्ड बनाए हैं राजस्थान प्रदेश की टीम गाजियाबाद आई थी और उन लोगों ने यहां के पदाधिकारियों से बात करके और अपने सब पदाधिकारियों के कारण
महेश मीणा को सौंप दिए हैं यह एक ऐसा संगठन है जो गरीबों पर दादागिरी करता है औरतों की इज्जत के साथ खेलता है महिलाओं की सहायता करने की बजाय महिलाओं का शोषण करता है और कई महिला पदाधिकारी पहले भी संगठन को छोड़कर के दूसरे संगठनों में चली गई है इसलिए राजस्थान की समस्त टीम ने यह निर्णय लिया है इस पर भी संगठन से बचा जाए इसमें कार्य नहीं करेंगे