सहसवान: पुलिस पर घूस मांगने और उत्पीड़न करने का आरोप लगाते हुए कोतवाली गेट पर आत्मदाह का प्रयास करने वाले श्रीपाल की दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में मृत्यु हो गई। रविवार सुबह छह बजे उसने अंतिम सांस ली। पीएम ना होने के चलते शव गांव नहीं पहुंच सका था। मृत्यु की सूचना से उसके परिवार में कोहराम मचा हुआ है। साथ ही गांव में भी मातम पसरा है। इधर, सुरक्षा की दृष्टि से गांव में पुलिस तैनात कर दी गई है। बता दें कि छह फरवरी को कोतवाली क्षेत्र के गांव नसूपुर फीरोजपुर उर्फ केशों की मढैयां निवासी श्रीपाल पुत्र स्वराज ने पुलिस पर घूस मांगने और उत्पीड़न करने का आरोप लगाते हुए अपने ऊपर ज्वलनशील पदार्थ छिड़ककर आग लगा ली थी। मौजूद पुलिसकर्मियों ने आनन फानन आग बुझा कर उसे इलाज के लिए पहले सीएससी फिर बदायूं मेडिकल कॉलेज पहुंचाया था। अगले दिन हालत गंभीर होने पर स्वजन उसे सैफई मेडिकल कॉलेज ले गए थे। दो दिन बाद यहां से भी हालत बिगड़ने पर बरेली निजी चिकित्सालय में भर्ती कराया था। तब से उसका उपचार बरेली में चल रहा था। शनिवार को शाम करीब तीन बजे उसकी तबीयत फिर बिगड़ गई। इसके बाद स्वजन उसे इलाज के लिए दिल्ली के सफदरजंग हॉस्पिटल ले गए। श्रीपाल के भाई अनेक पाल ने बताया कि रविवार सुबह श्रीपाल की इलाज के दौरान मृत्यु हो गई। श्रीपाल की मृत्यु की सूचना मिलते ही न केवल उसके स्वजन बल्कि गांव में मातम पसर गया। मृतक की मासूम बेटियों और पत्नी का रुदन देखकर लोगों का कलेजा मुंह को आ रहा था। मृतक के भाई ने बताया कि सोमवार को पोस्टमार्टम के बाद शव गांव पहुंचेगा। कोतवाल विशाल प्रताप सिंह ने बताया कि गांव में सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस तैनात कर दी गई है। इंसेट:- सहसवान: आत्मदाह करने वाले श्रीपाल के परिवार में पत्नी गीता के अलावा चार बेटियां हैं। सबसे बड़ी बेटी सुमन (14), डाली (5), गौरी (4) और मोहिनी तीन वर्ष की है। मृतक श्रीपाल अपने पांच भाइयों में दूसरे नंबर का था। उसके पिता अपनी चारों पोतियों को ढांढस बंधा रहे थे लेकिन अपनी आंखों से बहते आंसुओं को नहीं रोक पा रहे थे।