बदायूं। आज हम आपको एक ऐसी लड़की से रूबरू करा रहे जो नारी शक्ति को मिशाल है हम इस लड़की के बारे में आपको बता दें इसकी कहानी वह कहानी जिससे उन लड़कियों को सबक सीखना चाहिए जो प्रताड़ना को समाज के भय से सह लेती या उनको जो समझती कि न्याय मिल पाना बहुत मुश्किल होता है,
आपको बता दें इस लड़की को कई ऐसी प्रताड़ना और कठिनाईयां सहनी पडी जिनके बारे सुनकर ही आप दंग रह जाएंगे,
यह लड़की बदायूं जनपद के एक क़स्बा दातागंज की निवसिनी है जिसने पढाई करते हुए ही समाज की वह नजरें सही जिन्हें कहावत में भेड़िया की नजर कहते हैं, 18 बर्ष की आयु में शादी हुई और शुरू हो गई इनके जुल्म सहने की कहानी और आखिर आज तब कुछ इसके मन को ठंडक महसूस हुई जब इनके साथ रेप करने बाले दरोगा को जेल जाना पड़ा है
आइए अब इंन्ही से जानते हैं पूरी कहानी

पीड़िता ने बताया मेरा नाम सोनी है मैं कस्बा दातागंज की निवसिनी हूं मेरी शादी मेरी 19 बर्ष की आयु में हिंदू रीति रिवाज से क़स्बा कलान निवासी पूरनलाल पुव सुंदर लाल के साथ हुई थी। शादी के बाद से से ससुरालियों ने दहेज के प्रताड़ित करना शुरू कर दिया था , मैंने कोर्ट की शरण ली और अपने पति को सम्मन बारन्ट निकलबाया, प्रार्थिनी इसी बारंट पर कार्यवाही की गुहार लेकर तत्कालीन थानाध्यक्ष कलान सुनील शर्मा से मुलाकात की थी, लेकिन सुनील शर्मा ने मेरे पति से समझौता कराने की कह कर बुलाया और मेरे साथ मेरे पति से सांठगांठ कर पति के कहने पर जबरन दुश्कर्म किया, प्रार्थिनी ने इसकी रिपोर्ट दर्ज कराई तो उक्त थानाध्यक्ष ने अपनी पुलिसिया सांठगांठ से मेरी रिपोर्ट पर फाइनल रिपोर्ट लगवा दी, प्रार्थिनी जब इस फ़ाइनल रिपोर्ट पर पैरवी को शाहजहांपुर कचहरी पहुची तो दरोगा सुनील शर्मा ने बापिस लौटते बक्त रास्ते में मुझे जबरन गाड़ी में बैठाया और कोल्डड्रिंक में नसीला पदार्थ डालकर जबरन पिलाई तथा एक बार फिर उक्त सुनील शर्मा ने मेरे साथ दुष्कर्म किया,


प्रार्थिनी लगातार प्रताड़ना सह रही थी और फिर जब इसकी भी रिपोर्ट दर्ज करानी चाही तो इधर उधर से धमकी दिलाने लगा, हालांकि मेरा साहस टूट रहा था फिर एक बार ढांढस बांधा और मुख्यमंत्री आवास पर न्याय की गुहार लेकर पहुंची पहले वहां भी मेरी मुलाकात मुख्यमंत्री से असंभव लगी और ना कोई मदद मिलती नजर आयी तो मैंने मुख्यमंत्री आवास पर ही आत्मदाह की बात कह दी जिस पर मुख्यमंत्री आवास पर मौजूद सिक्योरिटी ने मुझसे पूरी बात सूनी और शाहजहांपुर से महिला पुलिस बुलाकर उनके साथ शाहजहांपुर भेजा और पुलिस अधीक्षक शाहजहांपुर को निर्देशित किया कि पीड़िता की रिपोर्ट दर्ज कर जांच कर आवश्यक कार्रवाई की जावे । प्रार्थिनी की शाहजहांपुर रिपोर्ट तो दर्ज की लेकिन पुलिस का व्यवहार समझौता को दबाव बनाने बाला था और मैं सुनील शर्मा द्वारा दुबारा के दुष्कर्म से भयभीत हो चुकी थी मै शारीरिक मानसिक रुप से बेहद कमजोर हो चुकी थी अतः मैंने जांच की कार्रवाई बदायूं से कराने की गुहार की लेकिन सुनील शर्मा मेरा पीछा नहीं छोड़ रहा और बदायूं के तत्कालीन एसएसपी संकल्प शर्मा से मिलकर मुझे महिला पुलिस की सीमा ब अन्य महिला पुलिस कर्मियों से पिटवाया और मुझे ही 107/117 में निरुद्ध किया,
मैं लगातार पुलिस की रवैया से बेहद क्षुब्ध थी और बदायूं पुलिस, एडीजी कार्यालय पुलिस से पीड़ित होने लगी, मेरा शरीर बेहद कमजोर हो चुका सासह भी टूट गया, तब अंत में मैंने अपने अंदर की नारी शक्ति को जागृत किया और हाईकोर्ट में जाकर गुहार लगाई, हाईकोर्ट से सीबीसीआईडी को जांच के आदेश हुए, और जांच उपरांत गत 14 फरवरी को उक्त दरोगा सुनील शर्मा को जेल भेजा गया,

मैं धन्यवाद देती हूं हाईकोर्ट का और सीबीसीआईडी की न्याय पूर्ण निष्पक्षता का, आज मैं कह सकती हूं अपराधी कितना भी मजबूत हो लेकिन वह आखिर में कटघरे में ही होगा,