रुक्मणी के विवाह की कथा का श्रवण करते हुए भक्तगण
बदायूं। भगवान की विभिन्न कथाओं का सार श्रीमद् भागवत मोक्ष दायिनी है। इसके श्रवण से परीक्षित को मोक्ष की प्राप्ति हुई और कलियुग में आज भी इसका प्रत्यक्ष प्रमाण देखने को मिलते हैं। श्रीमदभागवत कथा सुनने से प्राणी को मुक्ति प्राप्त होती है। जो मनुष्य मनोभाव से कथा सुनता है उस मनुष्य कल्याण होता है सुख समृद्धि आती है मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है मन शांत रहता है।
मधुबन कॉलोनी में कथावाचक दिलीप आनंद प्रणामी ने रुक्मणी के विवाह की कथा का श्रवण कराते हुएभक्तों से कहा कि जो लो मन भाव से रुक्मणी विवाह की कथा को सुनते हैं तो निश्चित रूप से ही उनका कल्याण होता है मन शांत रहता है मनवांछित फल की प्राप्ति होती है कल्याणकारी भाव पैदा होते हैं उन्होंने बताया सर्वधर्म समभाव की भावना से राष्ट्र का निर्माण होता है देश हित की भावना जागृत होती है इसी प्रवचन को लेकर सोमवार को मधुबन कॉलोनी में कथावाचक दिलीप आनंद प्रणामी ने श्रोता गणों को अपने भावों से ओतप्रोत करते हुए कहा की नैतिकता का पालन और अपने कर्तव्य को पालन ही सबसे बड़ी मानव सेवा हैआचार्य जी आज अपने प्रवचनों से श्रोताओं को श्री कृष्ण रुकमणी के विभाग की जानकारी दे रहे थे।