सहसवान। मामला नगर के मोहल्ला मुहीउद्दीनपुर का है। जहां सितंबर 1989 में राजस्व विभाग में लेखपाल के पद पर तैनात ज्ञान चंद शर्मा कि कुछ बदमाशों ने दिनदहाड़े निर्मम हत्या कर दी थी। जिसके परिणाम स्वरूप पीड़ित परिवार को अपना घर-द्वार छोड़कर अपनी जान बचाने के लिए बरेली जाना पड़ा। उसी दौरान मोहल्ला मुहीउद्दीन पुर निवासी ताहिर हुसैन अंसारी पुत्र जाकिर हुसैन अंसारी व अब्दुल रब अंसारी पुत्र जाकिर हुसैन अंसारी दबंग भू-माफियाओं ने स्व. ज्ञान चंद शर्मा की जमीनों पर अवैध रूप से कब्जा कर लिया और षड्यंत्र के तहत पीड़ित परिवार के 12 बारिसों में से एक सदस्य से 0.060 हेक्टेयर कृषि भूमि व 5 सदस्यों से घेर का बैनामा करा लिया। जिसमें 12 बारिसों में हर व्यक्ति 1/12 भाग का हिस्सेदार था तथा एक अन्य प्लाट उसी प्लाट के पीछे लगभग 850 सौ वर्ग गज जबरन कब्जा कर लिया। अब जब हत्यारे बदमाशों का भय खत्म हुआ तो लगभग 2 वर्ष पूर्व स्व. ज्ञानचंद शर्मा का सबसे छोटा पुत्र योगेंद्र उपाध्याय अपनी जन्मभूमि पर फिर से वापस आ गया। योगेंद्र उपाध्याय के वापस आने के बाद से ही भू माफियाओं की बेचैनी बढ़ गई। उक्त भू-माफियाओं ने अन्य भू-माफियाओं से मिलकर स्व. ज्ञानचंद शर्मा के आवासीय प्लॉट पर जेसीबी लाकर लेवलिंग शुरू कर दी जिसका योगेंद्र उपाध्याय ने विरोध किया और कोतवाली पुलिस को फोन कर बुला लिया। कोतवाली पुलिस ने जेसीबी को रुकवा कर भू- माफियाओं के द्वारा किए जा रहे कार्य को रुकवा दिया। योगेंद्र उपाध्याय ने अपने बड़े भाई दुर्गेश बाबू शर्मा सेवानिवृत्त लेखपाल को भी फोन कर बुला लिया। दिनांक 02/01/2023 को योगेंद्र उपाध्याय ने उप जिलाधिकारी सहसवान विजय मिश्र को प्रार्थना पत्र देकर भू-माफियाओं से अपना आवासीय प्लाट कब्जा मुक्त कराने की गुहार लगाई। उप जिलाधिकारी विजय मिश्र ने तत्काल नायब तहसीलदार जितेंद्र कुमार को मामले की जांच कर नजरी नक्शा सहित विस्तृत व स्पष्ट आख्या प्रस्तुत कर आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए। नायब तहसीलदार जीतेंद्र कुमार के नेतृत्व में राजस्व विभाग की टीम ने तीन बार मौके का मुआयना कर आस पड़ोस में जानकारी ली। पहली बार आई राजस्व विभाग की टीम में नायब तहसीलदार जितेंद्र कुमार, कानूनगो अरविंद कुमार यादव, लेखपाल सतपाल आदि मौके पर पहुंचे और मौके का मुआयना कर आसपास के लोगों के मौखिक बयान भी लिए। आसपास के लोगों ने उक्त भूमि स्व. ज्ञानचंद्र शर्मा की बताई। दूसरी बार राजस्व विभाग की टीम 12/01/ 2023 को मौके पर पहुंची। दूसरी बार राजस्व विभाग की टीम में नायब तहसीलदार जितेंद्र कुमार, कानून को अरविंद कुमार यादव व हल्का लेखपाल प्रेम सिंह यादव आदि आए और भू-माफियाओं को भी मौके पर लेखपाल प्रेम सिंह यादव ने बुलाया। लेखपाल प्रेम सिंह यादव ने भू-माफिया अंसारी बंधुओं के द्वारा पेश किए गए कागजात देखकर कहा कि इस बैनामे में आपकी 0.060 हेक्टेयर कृषि भूमि है। इसके अलावा अगर आप लोगों के पास उक्त आवासीय प्लाट का कोई बैनामा है तो वह दिखाओ। इस पर उक्त भू-माफियाओं ने कागजात दिखाने के लिए राजस्व विभाग टीम से दो-तीन दिन का समय मांगा। राजस्व विभाग के अधिकारियों ने उक्त भू- माफियाओं को 5 दिन का समय दिया जो कि 17/01/2023 को पूरा हो गया। इसी दौरान लेखपाल प्रेम सिंह यादव ने उक्त भू- माफियाओं से सांठगांठ कर ली और 20/01/2023 को नायब तहसीलदार जितेंद्र कुमार के नेतृत्व में राजस्व विभाग की टीम पुनः मौके पर पहुंची और उपरोक्त भू-माफिया अंसारी बंधुओं को भी मौके पर बुलाया। इस बार लेखपाल प्रेम सिंह यादव ने भू- माफियाओं से आवासीय प्लाट का बैनामा मांगने के बजाय पैमाइश शुरू कर दी और केवल लंबाई में फीता डालकर पैमाइश कर दी। जिससे भू-माफियाओं को लाभ हो और उल्टे पीड़ित पक्ष को बरगलाने लगे। जबकि वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि उक्त भूमाफिया अब्दुल रब अंसारी खुल कर बोल रहा है कि हम तो 50 झूठ बोलेंगे। आसपास रहने वाले लोगों का कहना है कि उक्त आवासीय प्लाट स्व. ज्ञान चंद शर्मा का है। लेखपाल प्रेम सिंह यादव की इस कार्यवाही से मौके पर मौजूद लोग स्तब्ध रह गए। एक तरफ तो सूबे के मुखिया मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पूरे प्रदेश को भू माफियाओं से अवैध कबजा मुक्त करने की बार-बार अधिकारियों को नसीहत दे रहे हैं और दूसरी तरफ सहसवान क्षेत्र में भू-माफिया दिन-ब-दिन अपनी जड़ें मजबूत कर रहा है। इससे प्रतीत होता है कि लेखपाल प्रेम सिंह यादव जैसे कर्मचारी शासन की मंशा को धूल चटा रहे हैं। देखना यह है कि इस तरह की धांधली सहसवान क्षेत्र में कब तक यूं ही चलती रहेगी यह तो आने वाला समय ही बताएगा।