बदायूँ। नगर के समीपवर्ती गांव तेहरा में मेरे राम सेवा संस्थान की ओर से नौ दिवसीय श्रीराम कथा का शुभारंभ हुआ। लवकुश के जन्म और सीता माता के वनवास की कथा का वर्णन हुआ। कथावाचक सामाजिक संत श्री रवि जी समदर्शी महाराज ने कहा कि संसार भगवान का विराट रूप है। इसकी सच्ची सेवा ईश्वरभक्ति है। श्रेष्ठ संस्कारों को अर्जित करने वाला विभूतिवान व्यक्ति हजारों मनकों में चमकने वाला हीरा है। उन्होंने कहा कि श्रीराम कथा मर्यादित जीवन जीना सिखाती है। मातृशक्तियां सीता माता जैसा तप करके कम से कम साधनों में भी लवकुश जैसे वीर बालकों को तैयार करने में समर्थ होंगी। जो मर्यादित जीवन के साथ वीर पराक्रमी योद्धाओं को परास्त करने की अद्भुत सामर्थ्य रखते हैं। माताएं सीता और बच्चे लवकुश बनें तो रामराज्य की स्थापना सुनिश्चित है। उन्होंने राम नाम और कथा की महिमा, महर्षि बाल्मीकि, तुलसीदास का परिचय कराया। कथा से पूर्व देवाचार्य और दीपेश ने वेदमंत्रोंच्चारण कर मंगलाचरण, गुरु वंदना, देववंदना कराई। मुख्य यजमान पोषाकी लाल यादव, हरिओम यादव रहे। इस मौके पर सत्येंद्र चौहान, विमल प्रजापति, विकास चौहान, नमन, देवेश गुलाटी, संतोष कुमार, राहुल अग्रवाल, संजय, आशुतोष चौहान, गजेंद्र सक्सेना, कुकू सक्सेना, गजेंद्र पंत, गौरव बाबू, राहुल अग्रवाल, कल्पना मिश्रा, अजय पाल यादव, कुलदीप सिंह, विनोद तिवारी, ओम प्रकाश शर्मा, रामदत्त, सुरेश पाठक, राय सिंह यादव, विजेंद्र शास्त्री, राघवेंद्र आदि मौजूद रहे।