बदायूं। बिसौली तहसील के परगनासतासी के तहत गांव बगरैन स्थित निजी तालाब गाटा संख्या 1588,के 36 गरीब किसानों का 96 बीघा निजी तालाब पर अवैध कब्जा भूमाफियाओं और तहसील प्रशासन की मिलीभगत से विगत सात वर्षों से अवैध तरीके से मछली पालन कराया जा रहा है। वही सरकारी ग्राम सभा का 154 वीघा सटा हुआ तालाब है जिसका पट्टा नियम विरुद्ध तहसील प्रशासन द्वारा गलत है 96 बीघा पट्टा जबरन कब्जा करके मछली पालन कराना तहसील प्रशासन का बड़ा खेल है पट्टा तो किया 154 बीघा तालाब का और ढाई सौ बीघा तालाब पर मछली पालन सरेआम किया जा रहा है। विगत वर्ष 17 जनवरी को मत्स्य जिलाधिकारी द्वारा पट्टा निरस्त करने के लिए एसडीएम बिसौली को पत्र लिखा 5 माह बाद एसडीएम बिसौली द्वारा तहसीलदार बिसौली से जांच कराई तो लेखपाल,कानूनगो, तहसीलदार की जांच में पट्टा गलत पाया गया। राजस्व संहिता 2016 के अंतर्गत आखिरी नोटिस पट्टा धारक ओम प्रकाश पुत्र रामस्वरूप निवासी बगरैन को नोटिस दिया।एक सप्ताह में अपने पट्टे का जवाब दें वरना पट्टा निरस्त कर दिया जाएगा परंतु एक माह बाद भी एसडीएम के द्वारा पट्टा निरस्त नहीं किया गया।भूमाफियाओं को खुला संरक्षण देने का मामला संज्ञान में आया क्योंकि इन्हीं प्रकरणों से पता चलता है पूरा संरक्षण तहसील प्रशासन का भूमाफियाओं को मिला हुआ है एक माह बाद भी भूमाफियाओं द्वारा शासकीय अधिवक्ता से मिलकर जिलाधिकारी न्यायालय में इस प्रकरण को लंबित कर दिया गया ताकि समय सीमा को पूरा किया जा सके सात माह के बाद भी जिलाधिकारी न्यायालय से गलत पट्टे का निरस्तीकरण नहीं किया गया। जब तक निरस्तीकरण नहीं होता तब तक मछली पालन पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया जाए ताकि गरीबों को न्याय मिल सके परंतु 36 गरीब किसानों द्वारा अपना 96 बीघा निजी तालाब को अलग कराने के लिए सीमांकन कराने के लिए 36 किसानों द्वारा शपथ पत्र में समस्याओं को लेकर जिलाधिकारी को दिया गया दो माह करीब बीत चुके हैं अभी तक जांच आख्या नहीं पहुंच पाई हैं जिलाधिकारी के पास राजस्व विभाग के बहुत से अधिकारी भूमाफियाओं से पैसा लेकर इन गरीबों को न्याय नहीं मिलने दे रहे हैं इसके लिए 99 दिन तक मालवीय आवास ग्रह पर पिछले वर्ष 2 मार्च से 7 जून तक धरना प्रर्दशन किया गया था। गरीब किसानों ने होली भी मालवीय आवास ग्रह पर मनाई थी कहीं जाकर जून में अपर जिलाधिकारी प्रशासन रितु पूनिया द्वारा जांच कमेटी बनाई गई। तथा पैमाइश टीम का गठन भी किया गया था।मगर बिसौली उपजिलधिकारी ने अपर जिलाधिकारी प्रशासन के पूरे मामले को विफल कर दिया था। और धरना पर बैठे लोगों को टीम के सामने फटकार लगाई और कहा कि धरना प्रदर्शन से पैमाइश नहीं होती है पहले 5 स्ट्रीमर की व्यवस्था की जाए तब हमारी टीम इसकी पैमाइश करेगी और उन्हें भद्दी भद्दी गालियां देकर टीम को वापस ले गई। 14 जून के बाद आज तक तालाब की कोई पैमाइश नहीं की गई है। शासन, प्रशासन को गलत आख्या देकर निरंतर तहसील प्रशासन गुमराह किया रहा है।जिले के किसी भी आला अधिकारी ने एक साल बीत जाने के बाद भी अब तक बगरैन में जाकर तालाब का मुआयना नहीं किया है। योगी सरकार में हम गरीबों के लिए न्याय नही मिला तो फिर हम गरीब किसान बड़े आंदोलन करने को मजबूर होंगे।निजी तालाब के किसान ने सुनाई आपबीती गांव बगरैन के तालाब स्वामी रामबाबू कश्यप ने बताया कि तहसील प्रशासन की साझेदारी में मछली पालन गांव में किया जा रहा है इस लिए हम 36 गरीब किसानों का तालाब पर तहसील प्रशासन ने पूरा कब्जा भूमाफियाओं के द्वारा करा रखा है। वर्तमान में जो जिलाधिकारी है उनको कानूनी जानकारी भी हैं मुझे पूरा भरोसा है कि वह हमें जल्द न्याय दिला देंगे फरवरी के पहले सप्ताह तक हमें न्याय नहीं मिला तो हम अब इंतजार नहीं करेंगे प्रदेश के मुखिया योगी बाबा के दरबार में जाकर न्याय की गुहार करेंगे। अगर न्याय नहीं मिलाता है तो इस बार आंदोलन मंडलआयुक्त के यहां करेंगे।मछली विभाग द्वारा निरस्तीकरण का पत्र अखबारों में प्रकाशन हुआ था एसडीएम निरस्तीकरण का पत्र तहसील प्रशासन द्वारा लेखपाल,कानूनगो, तहसीलदार द्वारा निरस्तीकरण के लिए लिखा जाना यह सभी प्रपत्र सम्मिलित हैं तथा 36 किसानों के इसी तरह शपथ पत्र भी दिए गए हैं कमल कश्यप का शपथ पत्र उल्लेखित किया गया है।