प्रदेश में अधिकाधिक नयी एमएसएमई इकाइयों की स्थापना, रोजगार सृजन, पूंजी निवेश तथा प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि हेतु उद्योग विभाग द्वारा एमएसएमई प्रोत्साहन नीति-2022 लागू
स्थायी पूंजी निवेश करने वाली सभी नयी एमएसएमई को पूंजी उपादान का लाभ दिया जायेगा
जनपद बरेली व समूचे पश्चिमांचल में महिला उद्यमियों को स्टाम्प शुल्क में 100 प्रतिशत छूट तथा अन्य सभी को 75 प्रतिशत छूट उपलब्ध होगी
। संयुक्त आयुक्त उद्योग ऋषि रंजन गोयल ने बताया कि प्रदेश में अधिकाधिक नयी एमएसएमई इकाईयों की स्थापना, रोजगार सृजन, पूंजी निवेश तथा प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि हेतु उद्योग विभाग द्वारा एमएसएमई प्रोत्साहन नीति-2022 लागू की गयी है। उन्होंने कहा कि प्लाण्ट मशीनरी में रू0 1 करोड़ का निवेश व 5 करोड़ टर्नओवर करने वाली इकाईयॉं सूक्ष्म उद्यम तथा 10 करोड़ निवेश व 50 करोड़ टर्नओवर करने वाली इकाईयॉं लघु उद्यम श्रेणी में मानी जायेंगी जबकि मध्यम श्रेणी में 50 करोड़ निवेश व 250 करोड़ टर्नओवर वाली इकाईयॉ शामिल की जाती हैं। उन्होंने कहा कि स्थायी पूंजी निवेश करने वाली सभी नयी एमएसएमई को पूंजी उपादान का लाभ दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों को किये गये स्थायी पूंजी निवेश के सापेक्ष क्रमशः 20, 15, 10 प्रतिशत का पूंजी उपादान दिये जाने का प्राविधान किया गया है। इसके अतिरिक्त महिला/एससी/ एसटी उद्यमियों को 2 प्रतिशत अतिरिक्त पूंजी उपादान दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि महिला/एससी/एसटी इकाईयों से तात्पर्य ऐसी इकाईयों से है जिनकी अंशपूंजी/ शेयर 51 प्रतिशत अथवा उससे अधिक होगी। इस तरह का पूंजी उपादान 4 करोड़ प्रति इकाई की अधिकतम सीमा तक देय होगा। उन्होंने कहा कि पूंजीगत उपादान के अतिरिक्त सूक्ष्म श्रेणी की इकाईयों को किसी बैंक/वित्तीय संस्था से लिये गये ऋण का 50 प्रतिशत ब्याज उपादान भी 5 वर्षों के लिए अधिकतम रू0 25 लाख प्रति इकाई देय होगा। उन्होंने कहा कि 5 करोड़ या इससे अधिक निवेश करने वाली सभी नयी खाद्य प्रसंस्करण इकाईयों को 5 वर्षों के लिए मण्डी शुल्क में छूट भी प्रदान की जायेगी। सभी नयी एमएसएमई को नियोक्ता के ईपीएफ के शत प्रतिशत अंश की प्रतिपूर्ति 5 वर्षों तक राज्य द्वारा की जायेगी।