बिसौली। कंस का वध कर भगवान श्रीकृष्ण ने संसार को आसुरी शक्तियों के उत्पात से बचाया। कान्हा को मारने की योजना के तहत कंस द्वारा आयोजित कराए गए धनुष यज्ञ में कृष्ण ने पहले मुष्टिक, चाणूर, शल, तोषल आदि असुरों का वध किया। उक्त उदगार कथावाचिका अंबिका देवी ने गांव हतसा में चल रही भागवतकथा के छठे दिन व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि मामा कंस ने भांजे कन्हैया को बुलाने अक्रूर जी को भेजा। कान्हा अपने बड़े भाई बलराम को लेकर मथुरा पहुंच गए। कृष्ण ने सबसे पहले उत्पाती कुवलयापीड़ हाथी का वध कर उसे मोक्ष का रास्ता दिखाया। बाद में उन्होंने मुष्टिक, चाणूर, शल, तोषल जैसे राक्षस प्रवृत्ति के लोगों का संहार किया। सबसे अंत में कान्हा ने मुष्टिका प्रहार से कंस के प्राण हर लिए। इसके अलावा अंबिका देवी ने महारास व रूक्मणी विवाह के प्रसंग का भी सुंदर वर्णन किया।