बदायूं। इस अवसर पर समाज कार्य (MSW) विभाग के विभागाध्यक्ष श्री मुहम्मद शोएव ने विश्व एड्स दिवस की जानकारी देते हुए बताया कि प्रत्येक वर्ष 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है। इसका उद्देश्य लोगों को इस भयावह बीमारी के प्रति जागरूक करना है। आमतौर पर यह असुरक्षित यौन संबंध बनाने व एचआईवी वाले व्यक्ति के संपर्क में आए इंजेक्शन या उपकरण को साझा करने से फैलता है।एचआईवी/ एड्स एक जानलेवा बीमारी है, जिसका अब तक कोई इलाज नहीं है। एचआईवी से संक्रमित होने वाला पीड़ित जीवनभर के लिए इस वायरस से ग्रसित हो जाता है। हालांकि विशेषज्ञों ने एचआईवी से बचने के कुछ उपाय बताएं हैं। वहीं एड्स रोगी के लिए कुछ दवाएं भी हैं, जिसके माध्यम से रोग की जटिलता को कम किया जा सकता है। एड्स को लेकर कई सारे मिथक और गलत जानकारियां भी व्याप्त हैं, जिसे दूर करने और एचआईवी के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल दुनियाभर में विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है। इस दौरान लोगों को जानकारी दी जाती है कि एड्स को लेकर बहुत ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं है। इस बीमारी में औसत आयु भले ही कम हो जाती है लेकिन पीड़ित सामान्य जिंदगी जी सकता है। इस अवसर पर विभाग के छात्र छात्राओं द्वारा पोस्टर के माध्यम जागरुकता लाने का प्रयास किया,विभाग के छात्र शाहिद खान द्वारा विश्व एड्स दिवस क्यों मनाते हैं इस विषय पर प्रकाश डालते हुए कहा की पहली बार विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 1987 में विश्व एड्स दिवस मनाया। हर साल 1 दिसंबर को एड्स दिवस मनाने का फैसला लिया गया। इस दिन को मनाने का उद्देश्य हर उम्र और वर्ग के लोगों को एड्स के बारे में जागरूक करना है। इस अवसर पर विभाग के छात्र अनु कुमार, सिमरन, इंतसाब, शाहीना, रुकय्या, अजीम, मिनहाज, रफत अदीब, नदीम, इज़हान, मिनहाज़, हुँदा खान, सुज़ा आदि उपस्तिथ रहे।