बदायूं। बताते चलें जिला अस्पताल में वार्डां के बाहर बैठे तीमारदारों से डीएम ने रात में उनके ठहरने के सम्बंध में जानकारी ली तो तीमारदारों ने अवगत कराया कि वार्डों के बाहर ही रात को ठहरते हैं। डीएम ने निर्देश दिए कि सर्दी का मौसम है, तीमारदारों को खुले में नहीं बल्कि रैन बसेरे में ठहराया जाए। लोगों ने अवगत कराया कि उसमें 108 एम्बुलेंस के अधिकारी ने कब्जा किया हुआ है और दो साल से सेवानिवृत बाबू सरकारी आवासों को खाली नहीं कर रहे हैं, जिसपर डीएम ने निर्देश दिए कि कोई अनाधिकृत व्यक्ति सरकारी आवासों में न रहे। डीएम ने रैन बसेरा खुलवाया तो उसमें 108 एम्बुलेंस के अधिकारी आराम फरमा रहे थे, अमला देखकर आनन-फानन में उठकर खड़े हो गए। डीएम ने निर्देश दिए कि तीमारदारों के लिए रैनबसेरा खाली कराया जाए।गुरुवार को जिलाधिकारी मनोज कुमार ने सिटी मजिस्ट्रेट ब्रजेश कुमार सिंह व मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ0 प्रदीप वार्ष्णेय के साथ जिला महिला चिकित्सालय में ओपीडी, एसएनसीयू, केएमसी, सर्जीकल, पीएनसी वार्ड सहित लेबर रूम, किचिन, लाउंड्री और रैन बसेरा का औचक स्थलीय निरीक्षण किया। एक-एक करके डीएम ने सभी वार्डां का निरीक्षण किया। डीएम ने मरीजों से उनका हाल जाना और अस्पताल की व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी ली। डीएम ने निर्देश दिए कि बेड के पास तीमारदारों के लिए बैंच डाली जाए। कुछ लोगों ने डीएम को अवगत कराया कि आज विशेष सफाई की जा रही है और अस्पताल में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय तलों पर जाने के लिए लिफ्ट की व्यवस्था है, लेकिन इसे बंद रखा जाता है, यह आज ही खुली है। डीएम ने सीएमओ को निर्देश दिए कि व्यवस्थाओं की मॉनिटिं्रग विशेष तौर पर होती रहे। किसी मरीज और तीमारदार को शिकायत का मौका न मिले। गर्भवती के ब्लड प्रेशर चेक करने के लिए जो स्टाफ बैठाया गया है, वह रिपोर्ट को अंदाज से तैयार कर रहा था, जिसका रजिस्टर देखने पर डीएम एवं अन्य अधिकारियों को उसमें शंका हुई तो कहा कि अपने स्टाफ नर्स का बीपी चेक करें तो स्टाफ ठीक से चेक नहीं कर पाया और संतोषजनक उत्तर नहीं दे पाते हुए कहा कि उन्हें अभी एक ही दिन हुआ है, जिसपर डीएम ने नाराजगी जताई और सीएमओ को निर्देश दिए कि यहां डिजीटल मशीन लगाई जाए और तैनात स्टाफ की उनके द्वारा प्रयोग किए जाने वाले उपकरणों का एक बार प्रशिक्षण अवश्य दिलाया जाए।डीएम ने निर्देश दिए कि वार्डां के बाहर चिकित्सकों के नाम, मोबाइल नम्बर तथा उपलब्ध दवाओं की वॉलपेटिंग कराई जाए। जनरल वार्डों में पहुंचकर उन्होंने मरीजों से उनका हालचाल जाना एवं तीमारदारों से व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी ली कि चिकित्सक देखने आते हैं भोजन गुणवत्ता पूर्वक मिलता है एवं दवाओं को चिकित्सालय से ही दिया जाता है या नहीं या फिर बाजार से तो दवाई नहीं लिखी जाती हैं। डीएम ने निर्देश दिए कि सभी मरीजों को अस्पताल के भीतर ही दवाओं को उपलब्ध कराया जाए, किसी को भी बाहर से दवा न लिखी जाए। चिकित्सक नियमित रूप से मरीजों के पास पहुंचकर उनके स्वास्थ्य की जानकारी लेते रहे। बेडशीट नियमित रूप से बदलती रहे, सीढियों के पास गुटखा थूकने के निशान देखकर नाराज़गी व्यक्त करते हुए निर्देश दिए कि इसको साफ कराएं और अस्पताल में ज़रा भी गंदगी न होने दी जाए, साफ सफाई का विशेष ख्याल रखा जाए। वाहनों को व्यवस्थित रूप से खड़ा कराएं एवं इधर उधर कोई भी गाड़ी ना खड़ी होने दे। डीएम ने आयुष्मान कार्ड के सम्बंध में जानकारी लेते हुए इसकी प्रगति बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। इस अवसर पर सीएमएस डॉ0 पुष्पापंत त्रिपाठी भी मौजूद रहीं।

सहसवान से सैयद तुफैल अहमद की रिपोर्ट