सहसवान। डेंगू मलेरिया से अधिकतर बीमार जैसे मरीजों के साथ डॉक्टर भी जमकर लुटाई कर रहे हैं। निजी लैबो पर अपनी अपनी सेटिंग कर मरीज को जांच के लिए एवं लैब से बुलाकर अपनी ही हॉस्पिटल एवं दुकानों पर जांच करा दी जाती है।जिसमें लैब संचालकों से परसेंटेज ले ली जाती है। अधिकतर मरीजों के साथ डॉक्टरों द्वारा प्लैटिस के नाम पर इतना डरा दिया जाता है। की मरीज आधा कोमा में ही चला जाता है। और उसके लिए लगभग पांच छः दिन भर्ती कर लिया जाता है। मरीज भी डर धमक कर भर्ती हो जाता है उसके बाद मरीज ढाई हजार से ₹6000 पर डे जमा करा कर उसकी लुटाई करना शुरू हो जाती है। मनमाफिक तरीके से लैब संचालकों से प्लैटिस के नाम पर दिन में तीन तीन बार रिपोर्ट कराई जाती है। उसके बाद तब मरीज की डॉक्टरों द्वारा छुट्टी की जाती है तो कम से कम उसका बिल आठ दास हजार से लेकर बीस पच्चीस हजार के लगभग थमा दिया जाता है। इसी कमीशन की खातिर झोलाछाप डॉक्टर भी टेस्ट लिख देते हैं जिसमें उनको भी कमीशन मिल जाता है जिसकी कोई जरूरत भी नहीं होती सहसवान क्षेत्र में लैब इस तरह जगह-जगह खुले हुए हैं जैसे कि कोई परचून की दुकानों को खोल कर बैठ गया हो।