बदायूँ- भ्रष्टाचार मुक्ति अभियान के बैनर तले एक बृहद काव्य गोष्ठी का आयोजन देवनागरी इण्टर कालेज उझानी में किया गया | मुख्य अतिथि भ्रष्टाचार मुक्ति अभियान के मुख्य प्रवर्तक हरिप्रताप सिंह राठौड़ एडवोकेट रहे | कार्यक्रम की अध्यक्षता धनपाल सिंह ने की | कार्यक्रम का शुभारंभ आनंद पाठक की सरस्वती वंदना से हुआ |
बरेली से आए कवि राजेश शर्मा ने पढ़ा :
ये दिल भौंरे सा पागल है जो हरपल गुनगुनाता है
न चाहूँ फिर भी लव पर तो तुम्हारा नाम आता है |
मुहब्बत इससे ज्यादा तो कोई भी हो नहीं सकती,
मेरी साँसों में घुल घुल के तुम्हारा नाम आता है ||
बरेली से आए युवा शायर आनंद पाठक ने पढा :
बेटियाँ बचा लेंगे बेटियाँ पढ़ाने से
ये कहावतें सारी लग गईं ठिकाने से।
बेटियों की जानिब जो हाथ उठ गया! काटो
बेटियाँ नहीं बचतीं कैंडिलें जलाने से।
पवन शंखधार ने पढ़ा:
जब से भारतीय संस्कृति गुमनाम हुई है
तब से गली मोहल्ले में मुन्नी बदनाम हुई है
डा० गीतम सिंह गीतकार ने पढ़ा :
कहने को तो मैं कह दूंगा पर कहने से क्या होगा।
खो जाएगा भरम हमारा खो जाने से क्या होगा।।
शैलेन्द्र घायल ने मुक्तक पढ़ा कि :
नए युग की शम्मा जलानी पड़ेगी।
धधकती हुई ज्योति लानी पड़ेगी।
उठो हिंद पुत्रों शपथ है रुधिर की।
भृष्टों की जड़ अब हिलानी पड़ेगी।।
कार्यक्रम का संचालन कवि पवन शंखधार ने किया
इस अवसर पर अभय माहेश्वरी, अखिलेश सिंह, सतेंद्र पाल सिंह, आर्येन्दर पाल सिंह, महेश चंद्र, नेत्रपाल, कृष्ण गोपाल, अजय पाल, श्रीराम, सुमित कुमार, प्रमोद कुमार, आशीष सिंह, आदित्य कुमार, ओमकार, मोरपाल, कृष्ण कुमार, अदित्य शर्मा, जितेंद्र कुमार, अर्चना यादव आदि उपस्थित रहे।