बदायूं। श्रावस्ती जिले में भगवान बुद्ध की तपोस्थली में प्रांतीय युग सृजेता समारोह का शुभारंभ श्रीलंका से आए बौद्ध भिक्षु मठाधीश महाथौर ने शांतिकुंज की विचार क्रान्ति की धर्मध्वजा फहराकर किया गया। उन्होंने कहा कि युगद्रष्टा वेदमूर्ति तपोनिष्ठ पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य द्वारा दिखाए गए सन्मार्ग से युवाओं को श्रेष्ठ संस्कार मिलेंगे, मानव में देवत्व धरती पर स्वर्ग का अवतरण होगा। शांतिकुंज हरिद्वार से आए उत्तर प्रदेश प्रभारी केपी दुवे ने कहा कि भगवान बुद्ध ने करुणा की दृष्टि भारत डाली, सद्ज्ञान के अभाव को मिटाया। बुद्ध से चला अभियान प्रज्ञा अवतार तक आया। हमारा भारत दिग्विजयी संस्कृति और आभा से परिपूर्ण है। ज्ञान और विज्ञान की अपरिमित क्षमताएं है। हमारे ऋषियों ने हजारों वर्ष पूर्व धरती से सूर्य की दूरी तय कर ली थी। ग्रह, नक्षत्रों का ज्ञान पूरी दुनियां कराया। युवा निराशा और हताशा को उखाड़ फेंकें। अपनी क्षमताओं और शक्ति पर विश्वास करें। शांतिकुंज हरिद्वार के नरेन्द्र ठाकुर ने कहा कि युवाओं का दिशा बोध करें, उन्हें भटकने न दें। युवा अपनी योग्यताओं और क्षमताओं को बढ़ाएं। शक्ति को जागृत करें। गायत्री परिवार ने राष्ट्र को श्रेष्ठ नागरिक दिए हैं। समारोह में प्रदेश भर के युवाओं ने अपने जनपदों की उत्कृष्ट कार्यक्रमों की रिपोर्ट प्रस्तुत की। इस मौके पर युवा प्रकोष्ठ शांतिकुंज आशीष, ओमप्रकाश राठौर, संगीत विभाग के ओमकार पाटीदार, शिवनारायण साहू, बसंत यादव, कार्यक्रम संयोजक जयप्रकाश वर्मा, राम शरन, मुकेश, शिव पाठक, ओमकार, प्रभाशंकर सक्सेना, भुवनेश वर्मा, बालक राम, सुखपाल शर्मा, नरेंद्र पाल शर्मा, पंकज कुमार, ध्रुव यादव, महेश प्रसाद आदि मौजूद रहे।