संयुक्त आयुक्त उद्योग श्री ऋषि रंजन गोयल ने बताया कि उद्योगों के त्वरित विकास तथा तकनीकी उन्नयन एवं प्रदूषण जैसी सुविधाओं के विकास एवं निर्माण हेतु एमएसएमई विभाग द्वारा लघु उद्योग तकनीकी उन्नयन योजना (टेक्नोलॉजी अपग्रेडेशन) संचालित की जा रही है। उन्होंने कहा कि इस योजना में तीन वर्ष से संचालित एवं कार्यरत एमएसएमई इकाईयों पात्र है। पात्र इकाईयों को उत्पाद गुणवत्ता सुधार, पर्यावरण सुधार, श्रम सुधार, ऊर्जा दक्षता, गुणवत्ता पैकेजिंग आदि के लिए अतिरिक्त मशीनों की व्यवस्था हेतु 5 लाख रुपए की अधिकतम सीमा तक 50 प्रतिशत कैपिटी सब्सिडी दिए जाने का प्रावधान है। बैंकों से वित्त पोषित सुविधाओं की दशा में एक लाख रुपए की सीमा तक 50 प्रतिशत इंटरेस्ट सब्सिडी की सुविधा अधिकतम 5 वर्षों तक भी दिए जाने का प्राविधान है। इसके अतिरिक्त GI, ISO 9001, ISO 14001, ISO 45001, ISO 50001, TL9000, ZED मानकों एवं प्रमाणीकरण तथा उत्पाद गुणवत्ता मानक/प्रमाणीकरण जैसे BIS, AGMARK, STQC, AYUSH आदि मार्क लेने अथवा प्रक्रिया अनुपालन प्रमाणीकरण जैसे WHO-GMP, INDIA-GHP, INDIA-HACCP, NPOP-organic आदि मानकों के लिए 50,000 से 5 लाख रुपए की अधिकतम वित्तीय सीमा तक लघु उद्योगों हेतु कुल लागत का 50 प्रतिशत तथा सूक्ष्म उद्योगों हेतु कुल लागत का 75 प्रतिशत अनुदान दिए जाने की व्यवस्था इस योजनान्तर्गत उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि गत तीन वर्षों से स्थापित एवं संचालित सभी सूक्ष्म एवं लघु औद्योगिक इकाईयों योजना का लाभ लिए जाने हेतु आवेदन प्रस्तुत कर सकते हैं। योजना के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी किसी भी कार्य दिवस में कार्यालय में सम्पर्क कर प्राप्त कर सकते हैं।