बदायूं। मेला ककोड़ा में अखिल विश्व गायत्री परिवार के मार्गदर्शन में गंगा तट पर मां भागीरथी का पूजन, दीपदान और भव्य आरती की। सुखपाल शर्मा ने कहा कि जिस देश में सत्य सिद्ध करने के लिए गंगा की सौगंध ली जाती है। भागीरथ कठोर तप कर मां गंगा को स्वर्ग से धरती पर लाए। मोक्षदायिनी गंगा ने पापों का नाश कर सभी का उद्धार किया। मां गंगा जल धारा नहीं, जीवन धारा हैं। रघुनाथ सिंह ने कहा कि मां गंगा अपना कर्त्तव्य निभा रही है। पुत्र होने के नाते हम क्या कर रहे हैं। मां का आदर और सम्मान करना भी भूल गए। नगरों का मैला, उद्योगों का कचरा, नालों का पानी और शवों व बडाकर असभ्य न बनें। पतित पावनी मां गंगा भारतीय संस्कृति, सभ्यता, दर्शन और अध्यात्म का पवित्र प्रवाह है। गायत्री परिवार के संजीव कुमार शर्मा ने कहा कि भारत को अपने आंचल में समेट गंगा जन-जन में देवत्व घर-घर में संस्कृति, तट-तट पर पवित्रता और श्री-समृद्धि बिखेरती हुई सागर का गौरव प्रदान करती है। मां भागीरथी देव संस्कृति के उद्गम और विकास की साक्षी है। मां गंगा सदानीरा रहे इसके लिए तटीय खेतों में रसायनिक खाद और कीटनाशक का प्रयोग न करें, पॉलीथीन, मृत पशु, शव और अधजले शवों को गंगा में प्रवाहित न करें। तटों को सुंदर बनाएं और सघन पौधारोपण करें। सत्यवीर सिंह यादव ने कहा कि गंगा को निर्मल बनाने के लिए बासी फूल, साबुन-शैंपू, प्लास्टर ऑफ पेरिस से बनी मूर्तियों का विसर्जन न करें। इस पर भवेश शर्मा, पंकज कुमार, पवन शर्मा, मृत्युंजय शर्मा, हेमंत, नरेंद्र कुमार, भूमि शर्मा ने आदि मौजूद रहे।