सहसवान। अकबराबाद चौराहे पर डग्गामार वाहनों के जमावड़े के कारण जहां कई घंटों तक वाहनों की लंबी कतारें जाम में फंस जाती हैं। वही व्यापारी भी इन डग्गामार के सामने नतमस्तक हो चुके हैं क्योंकि पूरे दिन दुकानों के आगे खड़े होकर डग्गामार वाहनों को भरते हैं। व्यापारियों के मना करने पर यह डग्गामर व्यापारियों से लड़ने पर आमादा हो जाते हैं और अक्सर इन लोगों से झगड़े होते रहते हैं। आखिर में पुलिस भी व्यापारियों के बजाय डग्गामर का ही साथ देती हैं मजेदार बात यह है पुलिस की मौजूदगी में डग्गामार वाहनों को भूसे की तरह भरते रहते हैं और अक्सर बड़े हादसों में कई कई लोगों की जानें भी चली जाती हैं। बदायूं से गुन्नौर तक फोरलेन सहसवान के अंदर से निकाला गया है इसमें सबसे व्यस्त चौराहा अकराबाद है यहां दर्जनों गांव के लोग पहुंचते हैं जिस कारण भीड़ भाड़ भी काफी रहती है। सड़क के दोनों तरफ व्यापारियों की दुकानें हैं इन दुकानों के आगे डग्गामार अपने वाहन खड़े कर लेते हैं और भूसे की तरह यात्रियों को भरते रहते हैं जिस कारण व्यापारियों का कारोबार बाधित होता है। जब यह व्यापारी डग्गामार वाहन स्वामी से इसका विरोध करते हैं तब वह लामबंद होकर दर्जनों की संख्या में एकत्र होकर व्यापारियों से लड़ने पर आमादा हो जाते हैं चौराहे पर व्यापारियों और डग्गामार वाहनों के स्वामियों के बीच झगड़े फसाद होते रहते हैं। मजेदार बात यह है इस चौराहे पर 24 घंटे पुलिस तैनात रहती है लेकिन यह पुलिस वाले भी डग्गामार वाहन स्वामियों से कुछ नहीं कहते हैं झगड़ा होने के बाद व्यापारियों को भी पुलिस थाने ले जाती है वहां से डग्गामार वाहनों और उनके स्वामियों को छोड़ दिया जाता है व्यापारियों के साथ नाइंसाफी की जाती है उन्हें बेइज्जत कर जेल भेज दिया जाता है। जिसको लेकर व्यापारियों में खासा रोष व्याप्त भी है व्यापारियों ने जब भी जवान से बताया पुलिस वालों का इन डग्गामार वाहनों से साठगांठ है इसी कारण पुलिस वाले इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करते इन डग्गामार वाहनों के कारण अक्सर जाम लगा रहता है। यह लोग निगम के चालक परिचालकों के साथ भी साथ भी अभद्र व्यवहार करते देखे जाते हैं यह डग्गामार दबंगई के बल पर निगम की बसों को भी अकबराबाद चौराहे पर नहीं रुकने देते हैं। व्यापारियों का और सामाजिक संगठन में उच्च अधिकारियों को पत्र प्रेषित कर डग्गामार वाहनों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की मांग की है।