बदायूं। सोमवार को ब्लॉक जगत के ग्राम उघैनी स्थित मदरसा गुलशने सालिम मे सर सय्यद अहमद खां के 205 वे जन्म दिवस पर हर्षोल्लास के साथ सर सय्यद डे मनाया गया। जिसमें बच्चों ने विभिन्न कार्यक्रम प्रस्तुत किये। इस मौके पर मदरसे के शिक्षक हाफिज शहादत अली ने सर सय्यद साहब के बारे में बच्चों को विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के संस्‍थापक सर सैयद अहमद का जन्‍म आज ही के दिन दिल्‍ली के दरियागंज में हुआ था। वे चाहते थे कि मुसलमानों के एक हाथ में कुरान और दूसरे में विज्ञान हो। उन्‍होंने 1875 को उन्होंने मदरसा-तुल-उलूम के रूप में एएमयू की नींव रखी। सर सैयद के इसी चमन से निकले छात्र आज दुनिया भर में ज्ञान के दीप जला रहे हैं।ये उस दौर की बात थी कि जब मुसलमान शिक्षा में पिछड़े थे। बेटियों को स्कूल भेजना सम्मान के खिलाफ माना जाता था। सर सैयद ने इस सोच को बदलने का बीड़ा उठाया। उन्होंने आक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की तरह भारत में ही ऐसी यूनिवर्सिटी का सपना देखा। 1875 को उन्होंने सात छात्रों से मदरसा-तुल-उलूम के रूप में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) की नींव रखी। जो आज देश-दुनिया में पहचान बनाए है। सर सैयद के इस सपने को इसी चमन एएमयू में पढ़े छात्र आज दुनिया भर में ज्ञान के दीप जलाकर साकार कर रहे हैं।वे देश-विदेश में शिक्षण संस्थान खोलकर शिक्षा का दीप जला रहे हैं। संचालन मदरसे के प्रधानचार्य वीरपाल सिंह लोधी ने किया। जन्मोत्सव के आखिर में छात्र छात्राओं, स्टाफ एवं उपस्थित लोगों को मिठाई बांटी गई। इस मौके पर साहिल, अजीज वीरपाल सिंह लोधी, प्रदीप, आरिफऔर गाँव के बहुत से लोग मौजूद रहे।

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