बदायूं। जिला महिला अस्पताल में प्रसूताओं में दहशत फैला रहे चिकित्सक, स्टाफ नर्स  प्रसूता निजी अस्पताओं में प्रसव कराने को  मजबूर हो रही हैं काफी लंबे समय से यह खेल चल रहा है इस पर किसी प्रशासनिक अधिकारी का ध्यान नहीं है और न अस्पताल प्रशासन का सब अपने-अपने काम में मस्त रहते है।डिलीवरी कराने वाली महिला लेबर रूम में भर्ती होते ही सबसे पहले ब्लड का सैंपल लेकर लैब में जांच के लिए भेजा जाता है रिपोर्ट आने पर स्टाफ नर्स,डॉक्टर देखते ही प्रसूता के पति को बुला कर कहती है देखो तुमारी पत्नी की रिपोर्ट अच्छी नहीं है इसमें मां- बच्चे  दोनों को खतरा है जल्दी बताओ ऑपरेशन करना होगा नहीं तो रेफर कर देती हूं अगर तुमारे मरीज को कुछ होता है तो तुमारी खुद की जिम्मेदारी होगी फिर वह अपने परिजनों से मशवरा करता है इतने में प्रसूता के परिवारजन घबरा जाते हैं फिर वह प्रसूता आनन फानन में निजी अस्पताल में ले जाने को मजबूर हो जाते है।जबकि वहां जाकर नॉर्मल डिलीवरी तो हो जाती है।मगर प्रसूताओं के परिजनों की जेब कट जाती है।निजी अस्पताल में ऐसा कौन सा जादू करते है जिससे नॉर्मल डिलीवरी हो जाती है सवाल यह है कि महिला अस्पताल में नॉर्मल डिलीवरी क्यों नहीं होती है। यह खेल रोजाना का है इससे आशाओं,स्टाफ,दलालों की मौज आ रही है।महिला अस्पताल इसके लिए बदनाम है। लेबर रूम में प्रसूताओं से डिलीवरी के नाम पर अवैध वसूली महिला अस्पताल के लेबर रूम का सबसे बड़ा खुलासा हुआ है कि डिलीवरी के लिए आने वाली प्रसूताओं से इंजेक्शन के नाम पर 200 रुपये जबरन वसूली की जाती है अगर  कोई 100 रुपये देता है तो उस को डांटते हुए स्टाफ नर्स कहती है यह रुपये कम है और दो फिर नार्मल डिलीवरी में 500 से लेकर दो हजार तक प्रत्येक मरीज से स्टाफ ले रहा है।जिसका वीडियो वायरल हो रहा है जबकि महिला अस्पताल में जांच से लेकर डिलवरी होने तक सब कुछ फ्री है। प्रशिक्षु छात्राएं, लेबर रूम से निजी अस्पताल भेज रहे मरीज ट्रेंनिग करने के लिए आई छात्राएं प्रसूताओं को गुमराह करके अपनी मोटी कमाई के चक्कर में प्रसूताओं को निजी अस्पताल भेज रही है महिला अस्पताल में ट्रेंनिग कर रही है।एक छात्रा के पति एक निजी नर्सिंग होम में पीआरओ के पद पर काम कर रहा है।पत्नी महिला अस्पताल से मरीज निजी अस्पताल भेज रही है।इसका खुलासा एक वीडियो देखने पर हुआ है और अपनी मोटी कमाई कर रही है। आशाओं के द्वारा होती है प्रसव कक्ष में दलालीजिला महिला अस्पताल में आशाओं के द्वारा होती है दलाली एक दर्जन आशाएं अस्पताल में प्रतिदिन चक्कर काटती रहती हैं।इसमें ज्यादातर शहर और जगत ब्लाक की आशा है उनका कोई काम नहीं सिर्फ दलाली करना काम है।आशाओं का ओटी, लेबर रूम में क्या काम है यह ओटी के अंदर क्या करती है।केवल दलाली अगर महिला अस्पताल में दलाली की बात नहीं बनती है तो प्रसूता को गुमराह करके डिलीवरी कराने के लिए फिर निजी अस्पताल में जाने की सलाह देती है जिसका वीडियो वायरल हो रहा है अगर इसकी जांच होती है तो आशाओं की पोल खुल जाएंगी कुछ समय पहले एक बर्खास्त आशा वर्कर और फर्जी ओटी टेक्नीशियन के बीच मारपीट हो गई। स्टाफ के लोगों ने किसी तरह से मामले को रफादफा किया। दोनों के बीच विवाद एक गर्भवती महिला को महिला अस्पताल से निजी अस्पताल ले जाने को लेकर हुआ था जिसकी जांच चल रही है।