बिसौली। बिसौली कस्बा में शासन प्रशासन की उदासीनता के चलते सड़कों पर ई-रिक्शा कायदे कानून के खिलाफ सड़कों पर दौड़ाए जा रहे हैं। यही नहीं लालचवश ई-रिक्शा की कमान नाबालिगों के हाथ में पहुंच गई है। वह इन्हें लापरवाही और अनियंत्रित गति से सड़कों पर दौड़ा रहे हैं। इससे दुर्घटनाओं की आशंका अधिक रहती है। कस्बा से लेकर देहात क्षेत्रों में यह नाबालिग धड़ल्ले से ई-रिक्शा दौड़ा रहे हैं।ई-रिक्शा की जैसे बाड़ बिसौली मैं ही आ गई है। जिधर देखो उधर ई-रिक्शा ही नजर बिना नंबर के सड़क पर जाम लगाते हुए दिखाई देते हैं आ रहे हैं। शहर में यातायात का मुख्य साधन यह रिक्शा बन गए हैं। पैरों से संचालित होने वाले रिक्शा की जगह इन ई-रिक्शा ने ले ली है। धनाभाव के चलते आज भी कुछ लोग पेट पालने के लिए पैरों से चलने वाला रिक्शा ही चल रहे हैं। ई-रिक्शा के आने से यह स्वरोजगार का अच्छा माध्यम बन गया है। इसे आसानी से खरीदकर लोग सड़कों पर दौड़ा रहे हैं।अभिभावक तो दस वर्ष से अधिक होने पर ही बच्चों को वाहन चलाना सिखा देते हैं। फिर वह दो पहिया या चार पहिया वाहनों को बिना खौफ अनियंत्रित गति से दौड़ाते हैं। अब नाबालिग द्वारा वाहन चलाने पर जुर्माने का वाहन अधिनियम में प्रविधान है। वहीं, इसमें दुर्घटना होने पर वाहन का पंजीकरण निरस्त करने व तीन साल की सजा भी भुगतनी होगी।नाबालिगों को वाहन चलाने की अनुमति नहीं है। यह बच्चों के विकास और पढ़ाई की उम्र होती है इसके बाद भी वह वाहन चलाते या वाहन चलाते समय दुर्घटना करने के आरोप में पकड़े जाते हैं, तो गाड़ी के मालिक व अभिभावक को दोषी मानते हुए तीन वर्ष का करावास की सजा के साथ 25 साल की आयुतक दोषी नाबालिग को ड्राइविंग लाइसेंस भी नहीं दिया जाएगा।
रिपोर्टर हिमांशु उपाध्याय