सहसवान। भगवान श्री गणेश के उपासकों की इंतजार की घड़ियां खत्म हो गई क्युकि बुधवार को विघ्नहर्ता और दुखहर्ता भगवान श्री गणेश का आगमन हुआ है। पूरी श्रद्धा के साथ गणेश महोत्सव बुधवार से शुरू हो गया है। विभिन्न स्थानों पर बनाए गए सार्वजनिक पंडालों और घरों में भगवान गणेश की प्रतिमाओं को विधि-विधान के साथ स्थापित किया गया है।

पूरा वातावरण गणपति बप्पा मोरया के जयघोष से गूंज उठा। भगवान गणेश की मूर्ति की विधिवत स्थापना की गई। विधिवत पूजा अर्चना कर अधिवक्ता सन्नी मिश्रा ने भगवान श्री गणेश से देश के लिए मंगल कामना की एवं देशवासियों के लिए प्रार्थना भी की। इस अवसर पर लोगों को प्रसाद भी वितरित किया गया।

अधिवक्ता सन्नी मिश्रा ने एक छोटी सी वार्तालाप के दौरान बताया कि गणेश चतुर्थी भगवान गणेश जी के जन्मदिन के रूप में मनाई जाती है। वह शिव और पार्वती के पुत्र हैं। गणेश चतुर्थी पर्व वैसे तो भारत के कई राज्यों में मनाया जाता है, लेकिन महाराष्ट्र के लोगो को इस त्यौहार का बेसब्री से इंतज़ार होता है। भगवान गणेश ज्ञान, समृद्धि और सौभाग्य के प्रतीक हैं।भारत में लोग कोई भी नया काम शुरू करने से पहले भगवान गणेश की पूजा करते है। भगवान गणेश को विनायक और विघ्नहर्ता के नाम से भी बुलाया जाता है। गणेश जी को ऋद्धि-सिद्धि व बुद्धि का दाता भी माना जाता है।गणेश चतुर्थी को विनायक चतुर्थी भी कहा जाता है। इस त्योहार के दौरान लोग भगवान गणेश की बहुत भक्ति करते हैं। गणेश चतुर्थी की शुरुआत वैदिक भजनों, प्रार्थनाओं और हिंदू ग्रंथों जैसे गणेश उपनिषद से होती है। प्रार्थना के बाद गणेश जी को मोदक का भोग लगाकर, मोदक को लोगो में प्रसाद के रूप में बांटा जाता है।

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