बदायूं। सहसवान नगर में पनीर के नाम पर मिलावटी व सिंथेटिक पनीर की बिक्री धड़ल्ले से हो रही है लोगों को असली व नकली के बीच भेद कर पाना मुश्किल है।अब से पूर्व में भी कई बार नकली पनीर भारी मात्रा में अकबराबाद की मंडी से पकड़ा जा चुका है लेकिन कोई कड़ी कार्रवाई ना होने की वजह से इन लोगों के हौसले और बुलंद हो गए इस बारे में मिलावटी करने वाले लोगों से जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया हमारा पैसा खाद विभाग अधिकारी को जाता है।हमारा कोई कुछ नहीं कर सकता सवाल यह भी उठता है। कि आखिर खाद विभाग अधिकारी सब कुछ जानते हुए भी अनजान क्यों बने हुए हैं। आखिर मिलावटी पनीर व मिठाइयों की दुकानों पर कार्रवाई क्यों नहीं करते खाद विभाग अधिकारी द्वारा जांच नहीं किए जाने से इस प्रकार का धंधा परवान पर है। लोग अधिक पैसे लगाकर ना केवल घटिया पनीर का सेवन कर रहे हैं। बल्कि बीमारी को आमंत्रण दे रहे हैं। लोगों को असली नकली का फर्क नहीं रहने का लाभ विक्रेताओं द्वारा उठाया जा रहा है।अधिक लाभ कमाने के चक्कर में लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। इतना ही नहीं खोवा में भी स्टार्च का जमकर मिलावट किया जा रहा है। देखने में सामान होने के कारण असली नकली का फर्क करना मुश्किल है। तथा लोग असली का मूल्य चुका नकली पनीर खरीद कर घर ले जा रहे हैं। कैसे बनता है।सिंथेटिक पनीर आमतौर पर केमिकल से तैयार किया जाता है। इसकी लागत मूल्य काफी कम आती है शुद्ध दूध का पनीर जहां ₹280 से ₹300 प्रति किलो की दर से विक्री कर पाना मुश्किल है। वही संता सथोटिक पनीर ₹140 थोक में आसानी से उपलब्ध हो जाता है।
मिलावटी पनीर खाने से मनुष्य के शरीर में कई तरह की बीमारियां उत्पन्न होती हैं! जैसे कि पेट खराब होना लीवर पर इन्फेक्शन होना पीलिया हो जाना यदि प्रकार की समस्त बीमारियां मिलावटी पनीर खाने से उत्पन्न होती है- चिकित्सा अधीक्षक प्रशांत त्यागी सहसबान।