बदायूं। सूचना के अधिकार का प्रयोग करते हुए सूचना/ सामाजिक कार्यकर्ता हरि प्रताप सिंह राठोड़ एडवोकेट ने 24 मई 2022 को खाद्य सुरक्षा एवम् औषधि प्रशासन विभाग बदायूं के लोक सूचना अधिकारी को आवेदन प्रेषित कर निम्न अभिलेखों के निरीक्षण कराने का आग्रह किया :- ‘जनपद बदायूं में खान पान से संबंधित प्रतिष्ठानों, मेडिकल स्टोर के वर्ष 2020,2021,2022 में किए गए निरीक्षण व कार्यवाही से सम्बन्धित अभिलेखों का अवलोकन करना है, कृपया तिथि समय व स्थान के सम्बंध में सुचित करे।’ आवेदन प्राप्त होने के पश्चात तीस दिन की अवधि में सुचनाएं प्रेषित की जानी थी, किंतु सूचना प्रेषित नहीं की गई, बल्कि अत्यंत विलम्ब से सहायक आयुक्त (खाद्य) द्वितीय द्वारा दिनांक 30- 06- 2022 को पत्र संख्या 413 भेजकर सूचना अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 8 (घ), (ज) से बाधित बताकर अभिलेखों का निरीक्षण कराने से मना कर दिया गया।सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 8 घ ज निम्नवत हैं :-घ :- सूचना, जिसमें वाणिज्यिक, विश्वास, व्यापार गोपनीयता या बौद्धिक संपदा सम्मिलित हैं, जिसके प्रकटन से किसी तीसरे पक्षकार की प्रतियोगी स्थिति को नुकसान होता है, यदि लोक सूचना अधिकारी का यह समाधान नहीं हो जाता है कि ऐसी सूचना का प्रकटन विस्तृत लोकहित में आवश्यक है,ज :- सूचना जिसके प्रकट करने से अन्वेषण या अपराधियों के गिरफ्तार करने या अभियोजन की क्रिया में अड़चन पड़ेगी।उक्त प्रावधान इस प्रकरण में आकर्षित नहीं होते हैं। लोक सूचना अधिकारी द्वारा प्रेषित पत्र निर्धारित प्रारूप पर नहीं है इससे यह भी स्पष्ट है कि अधिनियम के साथ ही उत्तर प्रदेश सूचना का अधिकार नियमावली 2015 का भी पालन नहीं किया जा रहा है।विवश होकर प्रथम अपील दिनांक 01- 08- 2022 को प्रस्तुत की गई, किंतु अभी तक वांछित सूचनाएं प्रदान नहीं की गई हैं।