बरेली, 30 जुलाई। जिलाधिकारी शिवाकान्त द्विवेदी ने बताया कि उत्तर प्रदेश, भूगर्भ जल (प्रबंधन एवं विनियमन) अधिनियम-2019 के अन्तर्गत राज्य में भूमिगत जल संरक्षित करने, नियंत्रित करने और भूमिगत जल के विनियमन का सत्त प्रबंधन सुनिश्चित करने के लिए, उसे मात्रात्मक और गुणात्मक स्थायित्व प्रदान करने के लिए विशेष रूप से भूजल संकटग्रस्त ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में भूजल संरक्षण एवं संवर्धन पर जोर दिया गया है एवं सभी औद्योगिक, वाणिज्यिक, अवसंरचनात्मक, आरओ प्लांट और सामूहिक उपयोगकर्ताओं को भूजल निर्ष्कषण हेतु अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी)/पंजीकरण का प्रावधान किया गया है। इसके अतिरिक्त भूगर्भ कूप निर्माण की समस्त ड्रिलिंग संस्थाओं का पंजीकरण अनिवार्य किया गया है।

जिलाधिकारी ने समस्त औद्योगिक, वाणिज्यिक अवसंरचनात्मक, आरओ प्लांट और सामूहिक उपयोगकर्ताओं (अधिष्ठान यथा होटलों, लॉज, आवासीय कालोनियों, निजी कालोनियों, निजी चिकित्सालयों, कारोबार प्रक्षेत्रों, मॉल, वाटर पार्क आदि) सहित मौजूदा एवं प्रस्तावित भूजल उपयोगकर्ता को इस नोटिस के माध्यम से सूचित किया जाता है कि ऑनलाइन पोर्टल निवेश मित्र के माध्यम से उत्तर प्रदेश भूगर्भ जल विभाग को भूगर्भ जल प्रयोग हेतु अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) पंजीकरण हेतु तत्काल आवेदन करें। उत्तर प्रदेश भूगर्भ अधिनियम – 2019 की धारा 39 के अन्तर्गत बिना पंजीकरण/अनापत्ति प्रमाण पत्र के भूगर्भ जल दोहन करने हेतु दोषी पाए गए व्यक्ति/समूह/संस्था को 2 से 5 लाख का जुर्माना अथवा 6 माह से 1 वर्ष तक कारावास अथवा दोनों दण्ड निर्धारित किए गए हैं। अतः इस श्रेणी के उपभोक्ता तत्काल आवेदन कर पंजीकरण/अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त करना सुनिश्चित करें। आवेदन से सम्बंधित किसी भी अन्य जानकारी के लिए www.upgwdonline.in  अथवा जिला नोडल अधिकारी सहायक अभियन्ता भूगर्भ जल विभाग खण्ड से सम्पर्क कर सकते हैं।

संपादक – सिटिल गुप्ता

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