जिलाधिकारी शिवाकान्त द्विवेदी ने कहा कि प्रांत के अंदर व्यापारिक गतिविधि संचालित करने वाले व्यापारियों को सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से अधिक से अधिक व्यापारियों को जी.एस.टी. पंजीकरण कराने के सम्बन्ध में निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विभिन्न सरकारी विभागों द्वारा सरकारी धनराशि से बहुत सी वस्तुओं एवं सेवाओं की आपूर्ति प्राप्त की जाती है और इसके लिए सरकारी विभागों द्वारा जो भुगतान किया जाता है उस पर भुगतान करते हुए श्रोत पर 2 प्रतिशत टी.डी.एस. (जी.एस.टी.) काट कर राजकीय कोषागार में जमा किए जाने की अनिवार्यता है। उन्होंने कहा कि सभी सरकारी विभागों का जी.एस.टी. में पंजीकृत होना अनिवार्य है।