सम्बद्ध कार्मिकों को भेजा जाय मूल विभाग।
सूचना अधिकार अधिनियम एवम् नियमावली को बनाया जाए प्रभावी।
इस अवसर पर विचार व्यक्त करते हुए जन दृष्टि (व्यवस्था सुधार मिशन) के संस्थापक/अध्यक्ष हरि प्रताप सिंह राठोड़ एडवोकेट ने कहा कि शासन की सौ दिन की कार्य योजना में लम्बे समय से एक ही स्थान पर कार्यरत कर्मचारियों व अधिकारियों के स्थानांतरण को भी प्राथमिकता दी गई, किंतु इस नीति का अनुशरण नहीं किया गया। अनेक कार्मिक अपने मूल विभाग को छोड़कर अन्य महत्वपूर्ण विभाग में सेवा दे रहे हैं। यह नीति गुड गवर्नेंस की स्थापना में सहायक सिद्ध होती किन्तु जिम्मेदारों द्वारा ही इस नीति को विफल करने का कार्य किया गया। आज हमने इस नीति के पालन की मांग उठाई है , पालन न होने पर सत्याग्रह के कार्यक्रम भी किए जाएंगे।
राठोड़ ने कहा कि जनपद बदायूं में राजस्व विभाग, चिकित्सा विभाग, पंचायत राज विभाग, खाद्य सुरक्षा विभाग, मनरेगा सहित अन्य कई विभागों में सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 एवम् उत्तर प्रदेश सूचना का अधिकार नियमावली 2015 का उल्लंघन किया जा रहा है। निर्धारित अवधि में आवेदन निस्तारित नही किए जाते हैं, विधि विरुद्ध ढंग से सूचना देने से मना किया जाता है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी के कार्यालय में सर्वाधिक बुरी स्थिति है। यदि जन सूचना अधिकारी अपनी कार्य प्रणाली में सुधार नहीं लाते हैं तो उनके विरुद्ध अभियोग का विकल्प भी सुरक्षित है। इस संबंध में मुख्य सूचना आयुक्त उत्तर प्रदेश तथा मुख्य सूचना आयुक्त भारत को भी प्रथक से पत्र प्रेषित किए जायेंगे।
इस अवसर पर केंद्रीय कार्यालय प्रभारी रामगोपाल , मार्गदर्शक धनपाल सिंह , संरक्षक एम एल गुप्ता, सह केन्द्रीय कार्यालय प्रभारी अखिलेश सिंह, जिला समन्वयक सतेंद्र सिंह, सह ज़िला समन्वयक महेश चंद्र, तहसील समन्वयक सहसवान आर्येंद्र पाल सिंह, वीरपाल, राजेश गुप्ता, ओमकार आदि सूचना कार्यकर्ता प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।