हिम्मत न हारें, प्रकृति के सानिध्य में रहें : संजीव

ऐतिहासिक, धार्मिक और दर्शनीय स्थलों का भ्रमण कर ली आपदा प्रबंधन की ट्रेनिंग, बच्चों ने बनाया तम्बू, गेट, गैजिट, भोजन।

बदायूँ। प्रखर बाल संस्कारशाला के बच्चों ने ऐतिहासिक, धार्मिक और दर्शनीय स्थलों का भ्रमण किया। गायत्री शक्तिपीठ एवं आध्यात्मिक चेतना केंद्र पर पहुंचे बच्चों को आपदा प्रबंधन, बाढ़, भूकंप, तूफान से बचाव, तम्बू निर्माण, भोजन बनाना आदि का प्रशिक्षण दिया गया। बच्चों ने प्रकृति के अस्तित्व को बचाने का दृढ़ संकल्प भी लिया।

गायत्री परिवार के संजीव कुमार शर्मा ने कहा कि बच्चे हिम्मत न हारें, प्रकृति के सानिध्य में रहें और आने वाली चुनौतियों का खुले दिल से मुकाबला करंे। प्राकृतिक आपदाएं और विपत्तियां कहकर नहीं आती इसके लिए स्वयं को हर समय तैयार रखें।

रघुनाथ सिंह ने कहा कि पेड़ों की अंधाधुंध कटाई से पर्यावरण संतुलन बिगड़ता जा रहा है। ओजोन परत में छेद हो रहे है। वन्य प्राणी और जीवजंतु भूख प्यास से तड़प कर मर रहे हैं। पौधों का पोषण कर जीवनदान दें।
सुखपाल शर्मा ने कहा कि बच्चे श्रेष्ठ संस्कार अर्जित कर दक्ष बनें और स्वाध्याय, संयम और सेवा से श्रेष्ठ ज्ञान को घर-घर तक पहुंचाएं।

परिब्राजक सचिन देव, शिक्षक श्यामनिवास और राजेश्वरी निर्णायक रहे। देश भक्ति, गीत, कहानी, भजनों की शानदार प्रस्तुति दी।
इस मौके पर कशिश, हंशिका, कल्पना, नेहा, दीप्ति, आकांक्षा, रौनक, भूमि, कनक, अंशुमन, दिव्यांश, खुशबू, डौली, अंजलि, प्रज्ञा, अनान्या, संस्कार, हेमंत आदि मौजूद रहे।