बदायूँ। आपको बता दें कि जनपद बदायूं के विकासखंड जगत क्षेत्र की ग्राम पंचायत भसराला में जूनियर हाई स्कूल बना हुआ है जिसमें सिर्फ दो ही शिक्षक मौजूद हैं आलोक कुमार मिश्रा जूनियर हाई स्कूल भसराला के प्रधानाध्यापक पद पर कार्यरत हैं और उनके साथ नूर अर्श शिक्षिका के पद पर हैं यहां पर यह जूनियर हाई स्कूल समय पर नहीं खुलता है।

यहां के अध्यापक बच्चों को पढ़ाने के लिए समय पर स्कूल नहीं आते हैं लोगों ने बताया कि इस स्कूल का खुलने का कोई भी टाइम टेबल नहीं है और इस स्कूल में दो ही शिक्षक बच्चों को पढ़ाते हैं जबकि जूनियर हाई स्कूल 6,7,8 तीन क्लासों का होता है इन बच्चों को पढ़ाने के लिए सरकार के द्वारा दो ही शिक्षक उपस्थित किए गए हैं।

आज हमारे संवाददाता द्वारा स्कूल का निरीक्षण किया गया तो पता चला की स्कूल 8:30 बजे तक बंद है जबकि सरकार के द्वारा सरकारी प्राइमरी और जूनियर हाई स्कूल का समय 7:30 का है जब वहां पर पहुंच कर देखा गया कि स्कूल के मेन गेट पर ताला लगा हुआ है और बच्चे स्कूल के गेट पर बैठे हुए हैं किसी बच्चों द्वारा स्कूल के मेन गेट की चाबी भसराला ग्राम पंचायत के प्रधान के घर से मंगाई गई स्कूल का मेन गेट बच्चों ने खोला और अंदर जाकर बैठ गए जबकि बच्चों द्वारा पता किया गया कि स्कूल का कोई भी टाइम टेबल नहीं है और स्कूल के अध्यापक कभी 10:00 बजे कभी 9:00 बजे तक आते हैं जब इन शिक्षकों का बच्चों को पढ़ाने के लिए टाइम नहीं है।

इन लोगों को सरकार किस बात की सैलरी दी जा रही है बच्चों ने बताया कि स्कूल में नूर अर्श मैडम है जो समय पर स्कूल आती हैं और छुट्टी होने के बाद ही घर जाती हैं मगर यहां पर स्कूल के प्रधानाध्यापक आलोक मिश्रा जो समय पर स्कूल नहीं आते हैं वह स्कूल में 10 से 11 बजे तक आते हैं आने के बाद घंटे 2 घंटे स्कूल में रुकते हैं और मैडम से कह कर चले जाते हैं जबकि स्कूल में एक सफाई कर्मी भी मौजूद है जो स्कूल में सफाई करने के लिए बिल्कुल भी नहीं आते हैं जब उनका मन होता है वह आकर स्कूल में सफाई कर देते हैं और चले जाते हैं स्कूल में मीड डे मील खाने बनाने वाली महिलाओं को स्कूल की साफ सफाई करनी पड़ती है।
जब हमने इस मामले में जिला बेसिक निरीक्षक अधिकारी से बात की तो उन्होंने स्कूल के बच्चों से फोन पर बात कर पूरे मामले की जानकारी ली और अध्यापकों के ऊपर कानूनी कार्रवाई करने की बात कही देखना अब यह है कि जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी इन अध्यापकों के ऊपर क्या कानूनी कार्रवाई करते हैं या फिर इसकी फाइल को बनाकर कागजों में दबा दिया जाता है?

रिपोर्टर – सन्दप्रकाश