बरेली। प्रमुख सचिव परिवहन एवं महानिदेशक उपाम/नोडल अधिकारी एल वेंकटेश्वर लू ने कल बरेली विकास प्राधिकरण द्वारा विकसित की जा रही रामगंगा नगर कालोनी के अन्तर्गत आवासीय भूखण्डों के बीच स्थान पर पौधारोपण किया। इस अवसर पर उपाध्यक्ष बरेली विकास प्राधिकरण जोगेन्दर सिंह, मुख्य विकास अधिकारी जग प्रवेश, सचिव बरेली विकास प्राधिकरण, सहायक सम्भागीय परिवहन अधिकारी, उपायुक्त (श्रम रोजगार), जिला विकास अधिकारी आदि ने भी पौधारोपण किया।

प्रमुख सचिव परिवहन/नोडल अधिकारी ने सचिव, बरेली विकास प्राधिकरण को निर्देशित किया कि वृक्षारोपण के इस अभियान को जन जन तक पहुँचाया जाये। उन्होंने मुख्य विकास अधिकारी को निर्देश दिये कि वृक्षारोपण की एक कार्ययोजना तैयार करें, जिसमें समाज के प्रबुद्ध वर्ग जैसे सेवानिवृत्त शिक्षक, प्रोफेसर, पर्यावरण प्रेमी एवं समाज के अन्य संभ्रांत लोगों, धर्म गुरुओं आदि को सम्मिलित कर पौधों को संरक्षित रखने के लिए लोगों को प्रेरित किया जाये, ताकि अधिक से अधिक पौधे जीवित रह सकें। उन्होंने बरेली विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष को निर्देश दिये कि वे अपने स्तर से प्रस्ताव पास कराकर वृक्षारोपण के प्रचार प्रसार वाहन की व्यवस्था करें।
इसके उपरांत प्रमुख सचिव परिवहन/नोडल अधिकारी ने विकास खण्ड की ग्राम पंचायत बिथरी चैनपुर में शमशान भूमि स्थल पर पैधारोपण किया। इस अवसर पर 400 पौधों का रोपण कार्य उपस्थित प्रमुख सचिव व अन्य अधिकारियों ने किया। प्रमुख सचिव को खण्ड विकास अधिकारी ने अवगत कराया कि ग्राम पंचायत बिथरी चैनपुर को 2240 का लक्ष्य दिया गया है जो शमशान भूमि स्थल, विद्यालयों, तालाबों एवं बन्धों पर पौधारोपण कराया गया है। प्रमुख सचिव ने उपस्थित जनसमुदाय को सम्बोधित करते हुये पौध सुरक्षा पर बल दिया और लोगों को पौधारोपण के पश्चात उसे सुरक्षित रखने हेतु नैतिक कर्तव्यों के बारे में भी अवगत कराया।
इसके उपरांत प्रमुख सचिव परिवहन/नोडल अधिकारी ने विकास खण्ड फरीदपुर की ग्राम पंचायत मेगीनगला में निर्मित हो रहे अमृत सरोवर के चारों ओर तालाब के बन्धों पर पौधारोपण किया। तालाब के चारों ओर बन्धों पर कुल 102 पौधे रोपित किये गये। खण्ड विकास अधिकारी, फरीदपुर द्वारा अवगत कराया गया कि ग्राम को 2159 पौधों को रोपित किये जाने का लक्ष्य मिला है, जिसे विभिन्न चयनित स्थलों पर रोपित किया जा रहा है।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव ने उपस्थित जनसमुदाय को सम्बोधित करते हुये अमृत वन महोत्सव के तहत वृक्षारोपण के महत्व को इंगित किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनसंख्या को ध्यान में रखते हुये प्रति व्यक्ति एक पौधे का लक्ष्य निर्धारित करते हुये 35 करोड़ पौधों का पौधारोपण करने का संकल्प लिया गया है। उन्होंने कहा कि पौधारोपण का कार्य जलसंचय से भी जुड़ा है। उन्होंने कहा कि अधिक पेड़-पौधे होने से वर्षाजल भूमि में संरक्षित होगा, जिससे प्रदेश के सभी जिलों में भू-जल स्तर बढे़गा। उन्होंने कहा कि वर्षा जल महत्व को आम जनता तक पहुँचाने हेतु अमृत-सरोवर का निर्माण कराया जा रहा है, जिससे वर्षा जल का अधिक से अधिक संचयन किया जा सके और इनके आस पास अमृत सरोवर की स्थापना करते हुये अधिक से अधिक पौधारोपण कराया जा सके।

संपादक – सिटिल गुप्ता