बरेली 24 जून। प्रभागीय वनाधिकारी वन एवं वन्य जीव प्रभाग समीर कुमार ने बताया कि उ0प्र0 वृक्ष संरक्षण अधिनियम-1976 (यथा संषोधित) के प्राविधानो के अन्तर्गत (1) आम (देषी/तुकमी) (2) नीम, (3) साल, (4) महुआ, (5) बीजासाल, (6) पीपल, (7) बरगद, (8) गूलर, (9) पाकड, (10) अर्जुन, (11) पलाष, (12) बेल, (13) चिरौंजी, (14) खिरनी, (15) कैथा, (16) इमली, (17) जामुन, (18) असना, (19) कुसुम, (20) रीठा, (21) भिलावा, (22) तून, (23) सलई, (24) हल्दू, (25) बकली/करघई, (26) घौ, (27) खैर, (28) षीषम, एवं (29) सागौन, प्रजाति को उत्तर प्रदेष षासन, पर्यावरण,वन एवं जलवायु परिवर्तन अनुभाग-5 की अधिसूचना संख्या-24/81-5-2020-07-93 दिनांक 07-01-2020 द्वारा प्रतिबन्धित प्रजाति घोशित किया गया है जिसके पातन हेतु वन विभाग से अनुमति की आवष्यकता होती है। हाल ही में जनपद में प्रतिबन्धित प्रजातियों के अवैध कटान की घटनाएं प्रकाष में आयी है जिसमें वन विभाग द्वारा अभ्युक्तों के विरूद्ध विधिक कार्यवाही की गयी। इस प्रकार की घटनाओं से विभाग की छवि धूमिल होती है।

उन्होंनें अपील की है कि उ0प्र0 वृक्ष संरक्षण अधिनियम-1976 के प्राविधानो के अन्तर्गत उत्तर प्रदेष षासन, पर्यावरण,वन एवं जलवायु परिवर्तन अनुभाग-5 की अधिसूचना संख्या-24/81-5-2020-07-93 दिनांक 07-01-2020 द्वारा प्रतिबन्धित की गयी प्रजातियों को यदि आवष्यक हो तो वन विभाग से अनुमति लेकर पातन किया जाये, यदि किसी व्यक्ति द्वारा उक्त प्रतिबन्धित प्रजातियों का अवैध रूप से पातन किया जाता है तो वन विभाग द्वारा आवष्यक विधिक कार्यवाही अमल में लायी जायेगी।

रिपोर्टर – सिटिल गुप्ता