बरेली, 22 जून। मंडलायुक्त सेल्वा कुमारी ने मंडलीय समीक्षा बैठक को सम्बोधित करते हुए कहा कि विकास कार्यों और जन कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन की प्रक्रिया में और अधिक तेजी लाई जाए। उन्होंने कहा कि विकास प्राथमिकता कार्यक्रमों, 100 दिन हेतु लक्षित कार्य, वृक्षारोपण, पर्यावरण, संचारी रोग नियंत्रण, पुष्टाहार नियंत्रण आदि योजनाओं के निर्धारित लक्ष्य की प्राप्ति गुणवत्ता के साथ प्रदर्शित होनी चाहिए।
मंडलायुक्त आज कमिश्नरी सभागार में मंडलीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रही थीं। बैठक में जिलाधिकारी बरेली, शिवाकान्त द्विवेदी, जिलाधिकारी बदायूं, दीपा रंजन, जिलाधिकारी पीलीभीत पुलकित खरे, जिलाधिकारी शाहजहांपुर उमेश प्रताप सिंह, मंडल के सभी जनपदों के मुख्य विकास अधिकारी, संयुक्त विकास आयुक्त प्रदीप कुमार, वन संरक्षक एवं क्षेत्रीय निदेशक सहित समस्त मंडलीय अधिकारी उपस्थित रहे। मंडल में वृक्षारोपण, अमृत महोत्सव उद्यान, अमृत सरोवर की प्रगति की समीक्षा में कहा गया कि जन सहयोग तथा जन सहभागिता के साथ इन योजनाओं का क्रियान्वयन किया गया। मंडलायुक्त ने कहा कि शासन के दिशा निर्देशों के अनुसार यथा संभव अमृत सरोवर के निकट ही उद्यान का भी विकास किया जाए।
मंडलायुक्त ने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्रों में सहजन के पौघे रोपे जाने के कार्य में तेजी लाई गई तथा पौधे रोपने के लिए नए स्थानों का चयन किया गया जिन पर पूर्व में पौधे नहीं रोपे गए हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के विभागों के साथ समन्वय बना कर पौधारोपण का कार्य करें। अमृत सरोवर योजना के सम्बंध में उन्होंने कहा कि प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर पर इसका निर्माण होना चाहिए है, दिशा निर्देशानुसार जितने क्षेत्रफल में सरोवर होना चाहिए, उतने क्षेत्रफल में ही इसका निर्माण होना चाहिए। इसमें किसी प्रकार की लापरवाही नहीं होनी चाहिए। दिशा निर्देशानुसार सरोवर ऐसे स्थान पर होना चाहिए कि उसके सामने घ्वजारोहण के लिए स्थान का निर्माण किया जा सके। सरोवर का नामकरण स्थानीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी आदि के नाम पर किया जाएगा। इसके लिए सभी जिलाधिकारी तैयारी की समीक्षा करें।
मंडलायुक्त सेल्वा कुमारी ने संचारी रोगों की रोकथाम की, सक्षम तैयारी के लिए निर्देश दिए और कहा कि बदायूं में विशेष सतर्कता की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि आशा और आंगनबाड़ी के इस सम्बंध में निर्घारित कार्यों के अनुसार उन्हें सक्रिय किया जाए। उन्होंने कहा कि मलेरिया के प्रकोप से बचने के लिए भी समय रहते तैयारी कर ली जाए। उन्होंने इसके साथ ही कोविड संक्रमण से बचाव के लिए भी सक्रिय होकर निर्धारित कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी मुख्य विकास अधिकारियों से कहा कि कोल्ड चेन, मंत्रा, मुस्कान तथा वाश जैसी योजनाओं की नियमित समीक्षा अपने स्तर से करें। आयुष्मान, कन्या सुमंगला योजना की प्रगति के सम्बंध में उन्होंने कहा इसमें सुधार किया जा सकता है। उन्होंने ग्रामीण बच्चों को पुष्टाहार वितरण की प्रगति के सम्बंध में कहा कि यदि आवश्यकता हो तो कैम्प लगाकर पुष्टाहार वितरण किया जाए।
बैठक में सिंचाई और विद्युत वितरण व्यवस्था के सम्बंध में मंडलायुक्त ने कहा कि टेल तक पानी पहुंचाने की व्यवस्था मे किसी प्रकार का व्यवधान नहीं होना चाहिए और कहा कि बिजली विभाग की कार्यप्रणाली का नियमित अनुश्रवण होना चाहिए। उन्होंने कहा कि बिजली की समस्या का तत्काल समाधान स्थानीय स्तर पर हो जाना चाहिए। मंडलायुक्त ने निराश्रित बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना की समीक्षा करते हुए कहा कि स्थानीय लोगों से सहयोग के प्रयास के अच्छे परिणाम आए हैं, इसी प्रकार के प्रयास जारी रखे। उन्होंने निर्देश दिए कि भूसे के प्रबंधन के लिए भी लगातार प्रयास किए जाएं और आश्रय स्थलों में कार्य करने वाले कार्मिकों के भुगतान की समस्या नहीं होनी चाहिए। उन्होंने बाढ़ की स्थिति में गोवंश आश्रय स्थलों के संरक्षण की कार्ययोजना के लिए भी जिलाधिकारियों से समीक्षा करने के लिए कहा साथ ही पशु टीकाकरण की प्रगति में तेजी लाने के निर्देश दिए।
मंडलायुक्त ने आईजीआरएस पर होने वाली शिकायतों के निस्तारण को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए कहा कि इस कार्य में किसी प्रकार की शिथिलता न हो और शिकायतों का निस्तारण गुणवत्तापूर्ण किया जाना सुनिश्चित किया गया। उन्होंने कहा कि सरकारी कार्यालयों में प्रातः दस बजे से ग्यारह बजे तक अधिकारियों की उपस्थिति होनी चाहिए। बैठक में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व योजना, प्रघानमंत्री स्वनिधि योजना, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना, मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना, मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना, मुख्यमंत्री पर्यटन संवर्धन योजना, पेंशन योजनाएं, श्रमिक पंजीयन एवं प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना की प्रगति की भी समीक्षा की गई। अहिच्छत्र पर्यटन स्थल के लिए शासन को भेजे गए प्रस्ताव के सम्बंध में मंडलायुक्त ने कहा कि उनके स्तर से शासन को तत्काल पत्र प्रेषित किया जाए। मंडलायुक्त ने निर्देश दिए कि जिन भवनों का निर्माण कार्य पूरा हो गया है और उन्हें हस्तांतरित करने प्रक्रिया भी पूर्ण हो गई है, उन भवनों की निरीक्षण आख्या प्रस्तुत की जाए। हस्तांतरित भवन में किसी प्रकार की कमी नहीं होनी चाहिए।
रिपोर्टर – सिटिल गुप्ता